मोदी के खिलाफ 'अपमानजनक' टिप्पणी: कोर्ट ने राहुल गांधी को पेश होने से मिली छूट 28 जुलाई तब बढ़ाई

Edited By rajesh kumar,Updated: 11 Jul, 2022 07:02 PM

court extended exemption to rahul gandhi from appearance on july 28

बंबई उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर मानहानि की शिकायत के सिलसिले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को एक स्थानीय अदालत में पेश होने से मिली छूट सोमवार को 28 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी।

नेशनल डेस्क: बंबई उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर मानहानि की शिकायत के सिलसिले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को एक स्थानीय अदालत में पेश होने से मिली छूट सोमवार को 28 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी। न्यायमूर्ति पी. डी. नाइक की एकल पीठ ने मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत को मानहानि याचिका पर सुनवाई 28 जुलाई से आगे की तारीख तक टालने का निर्देश दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले महेश श्रीश्रीमल ने कहा था कि राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू युद्धक विमान सौदे को लेकर 2018 में प्रधानमंत्री के खिलाफ "कमांडर-इन-थीफ" शब्द का इस्तेमाल किया था।

स्थानीय अदालत ने दायर मानहानि की शिकायत के सिलसिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पिछले साल 25 नवंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया था। उसके बाद राहुल गांधी ने मामले में खुद को जारी समन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। पिछले साल नवंबर में, उच्च न्यायालय ने मजिस्ट्रेट अदालत को मानहानि शिकायत पर सुनवाई स्थगित करने का निर्देश दिया था। इसका मतलब था कि कांग्रेस नेता को मजिस्ट्रेट अदालत के सामने पेश होने की आवश्यकता नहीं थी। न्यायमूर्ति नाइक की एकल पीठ ने सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए मजिस्ट्रेट अदालत को सुनवाई 28 जुलाई से आगे टालने का निर्देश दिया।

मजिस्ट्रेट अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ अगस्त 2019 में आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी। हालांकि, कांग्रेस नेता ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें इस बारे में जुलाई 2021 में पता चला। शिकायतकर्ता का आरोप है कि राहुल गांधी ने सितंबर, 2018 में राजस्थान में एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मानहानिकारक बयान दिये थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मानहानिकारक बयान के चलते सोशल मीडिया मंचों पर मोदी को ‘ट्रोल' किया गया और विभिन्न समाचार चैनलों पर भी उस बयान का प्रसारण किया गया। शिकायत के मुताबिक, चार दिन बाद राहुल ने कथित तौर पर एक वीडियो पर टिप्पणी की और इसे अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘भारत के कमांडर-इन-थीफ के बारे में दुखद सच्चाई।''

शिकायतकर्ता ने यह आरोप भी लगाया है कि राहुल, मोदी के खिलाफ मानहानिकारक बयान दे रहे थे और उन्हें ‘कमांडर-इन-थीफ' कह कर कांग्रेस नेता ने भाजपा के सभी सदस्यों तथा मोदी से जुड़े भारत के नागरिकों के खिलाफ सीधे तौर पर आरोप लगाया। वहीं, राहुल गांधी ने अपने वकील कुशल मोर के जरिए उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा है कि यह शिकायत शिकायतकर्ता के राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने से प्रेरित तुच्छ व प्रताड़ित करने का एकमात्र उद्देश्य रखने वाला वाद है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि शिकायतकर्ता का यह मामला दायर करने का कोई अधिकार नहीं बनता है। उन्होंने मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है।

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