Edited By vasudha,Updated: 06 Jun, 2018 03:36 PM
माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की त्रिपुरा राज्य इकाई ने भारतीय जनता पार्टी-इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (भाजपा-आईपीएफटी) गठबंधन सरकार पर आज हमला बोला। पार्टी ने गत तीन माह से पार्टी कार्यकर्ताओं पर किये जा रहे अत्याचार को बंद करने की चेतावनी...
नेशनल डेस्क: माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की त्रिपुरा राज्य इकाई ने भारतीय जनता पार्टी-इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (भाजपा-आईपीएफटी) गठबंधन सरकार पर आज हमला बोला। पार्टी ने गत तीन माह से पार्टी कार्यकर्ताओं पर किये जा रहे अत्याचार को बंद करने की चेतावनी देते हुए कहा कि सहन करने की शक्ति अब समाप्त हो रही है।
माकपा कार्यकर्ताओं पर बढ़ रहे अत्याचार
माकपा के राज्य सचिव बिजन धर ने आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ताओं पर अत्याचार जारी है और अब तक पार्टी के 9 समर्थर्कों की हत्या की जा चुकी है जबकि 100 से अधिक कार्यकर्ता घायल हैं। इसके अलावा पार्टी के हजारों कार्यकर्ता भागे फिर रहे हैं लेकिन बार-बार अपील के बावजूद सरकार ने सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। धर ने कहा कि बर्दाश्त करने की एक सीमा होती है और वामपंथियों की सहिष्णुता की सीमा का परीक्षण नहीं किया जाना चाहिए, हिंसा खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं है और मौजूदा स्थिति मौजूदा स्थिति फासीवादी शासन के समान है।
भाजपा और RSS पर लगाया आरोप
राज्य सचिव ने आरोप लगाया कि माकपा कार्यकर्ताओं को चुनाव के बाद हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या, उनके घरों तथा पार्टी कार्यालयों को ध्वस्त करना, बम हमले तथा शारिरिक हमले की घटनायें अब नियमित हो चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता अब तक माकपा कार्यकर्ताओं पर हमले की 100 से अधिक घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। इन हमलों में माकपा विधायक सुधान दास पर हुआ हमला भी शामिल है। धर ने दावा किया कि भाजपा-आईपीएफटी के कार्यकाल में 90 पार्टी कार्यालयों को ध्वस्त कर दिया गया तथा अब तक 170 पार्टी कार्यालयों को स्थान परिवर्तन के लिए नोटिस जारी किये जा चुके हैं।