Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 06:51 PM
रक्षा मंत्री अरूण जेतली ने आज कहा कि भारत की सैन्य तैयारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिरोधक है, जो क्षेत्र में शांति की गारंटी देगा
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री अरूण जेतली ने आज कहा कि भारत की सैन्य तैयारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिरोधक है, जो क्षेत्र में शांति की गारंटी देगा और यह भू-राजनीतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अवश्य ही महत्वपूर्ण रूप से रक्षा उत्पादन को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि सैन्य साजो सामान और हथियार प्रणाली विकसित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उद्यम और निजी क्षेत्र के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी। उन्होंने जोर दिया कि भारत को आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए। जेटली ने पाकिस्तान का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि सुरक्षा जरूरतें इस बात से निर्देशित होती हैं कि भारत के पड़ोसी देश किस तरह के हैं।
यह निश्चित तौर पर शांति की गारंटी
उन्होंने कहा कि बिल्कुल भू-राजनीतिक नजरिए से (जहां हम भोगौलिक रूप से स्थित हैं) बनने वाली अनोखी स्थिति के मद्देनजर हमारी तैयारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिरोधक है और जहां तक हमारे क्षेत्र की बात है यह निश्चित तौर पर शांति की गारंटी देता है। उन्होंने एक कार्यक्रम में यह बात कही, जहां कुछ रक्षा पीएसयू को वर्ष 2014-15 और 2015-16 में उनके प्रदर्शन को लेकर रक्षा मंत्री का पुरस्कार दिया गया। जेतली कहा कि कोई भी देश बाहर से उपकरणों की खरीद और आयात की बदौलत अनिश्चित काल तक युद्ध नहीं जीत सकता और लड़ाई नहीं लड़ सकता। यदि यह इस पर निर्भर रहा, तो इसकी रक्षा तैयारियां अधूरी रहेंगी।
एक जीवंत रक्षा विनिर्माण माहौल बनाना
रक्षा मंत्री ने रक्षा उत्पादन के लिए विदेशी कंपनियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की अग्रणी घरेलू कंपनियों को शामिल करने के लिए रणनीतिक साझेदारी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह देश में रक्षा विनिर्माण को प्रोत्साहित करेगा। रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत सरकार की योजना विदेशी कंपनियों की साझेदारी के साथ भारत में चुनिंदा निजी कंपनियों को पनडुब्बी और लड़ाकू विमान जैसे सैन्य साजो सामान के काम में लगाना है। इसका लक्ष्य बड़ी भारतीय निजी कंपनियों और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र की सहभागिता से देश में एक जीवंत रक्षा विनिर्माण माहौल बनाने का है।