कुछ ही घंटों में दिल्ली की हवा हो जाएगी जहरीली, इमरजेंसी प्लान लागू

Edited By vasudha,Updated: 15 Oct, 2018 12:02 PM

delhi air will become poisonous in few hours

पहाड़ों से आ रही सर्द ठंडी हवा के साथ दिल्ली-एनसीआर में एक और खतरा काली चादर का भी आ रहा है, जो आने वाले 24-48 घंटे में दिल्ली और एनसीआर को अपने आगोश में ले लेगा। इस काली चादर से जहां राजधानी में धुंध छा जाएगी, वहीं प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ जाएगा...

नई दिल्ली (संजीव यादव): ठंड बढ़ने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होने लगी है। आने वाले 24-48 घंटे में काली चादर दिल्ली और एनसीआर को अपने आगोश में ले लेगी। वहीं इस खतरे को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली में आपात कार्य योजना लागू करने का फैसला कर लिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले कुछ घंटों में धुंध छा जाएगा और प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ जाएगा कि लोगों को सांस लेना आसान नहीं होगा। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने हरियाणा और पंजाब से मांग की है कि पराली जलाने से रोकने के लिए कदम उठाए जाएं, जिससे लोगों को समस्या न हो। लेकिन उसके बावजूद इस पर कोई असर नहीं दिखा है। 

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ये हैं मौजूदा हालात
रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 208 रहा जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। राजधानी में सबसे बुरी हालत आनंद विहार इलाके में है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 261 दर्ज किया गया।

अगर आप भी अपने शहर की गुणवत्ता देखना चा​हते हैं तो यहां करें क्लिक

अगर ये होता तो शायद नहीं होती दिल्ली की हवा जहरीली
नीति आयोग ने 2017 में केंद्र सरकार को कहा था कि पराली का संकट हर साल आएगा। इसलिए इस पर कारगर कदम उठाए जाने चाहिए। नीति आयोग ने सिफारिश की थी कि पराली संकट से निबटने और दिल्ली की आबोहवा को बचाने के लिए 3,200 करोड़ रुपए खर्च करने की जरूरत है। इस पर केंद्र ने प्रस्ताव बनाया और 1,700 करोड़ रुपए की योजना तैयार की। लेकिन ये कागजों में ही सिमटी हुई है। इस संबंध में हरियाणा और पंजाब सरकार को कहा गया था कि वे इस पर नीति बनाएं और किसानों के लिए ऐसी मशीनें खरीदने की योजना लेकर आएं, जिससे खेतों में पड़े पराली को इकट्ठा कर खाद बनाया जाए, लेकिन इस पर किसी भी राज्य सरकार ने काम नहीं किया। 

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सरकार ने उठाए हैं ये कदम
राज्यपाल अनिल बैजल द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद जानकारी दी गई कि नगर निगम ने एक जनवरी, 2018 से लेकर अब तक गैर अनुरूप क्षेत्रों में 10,196 उद्योगों पर कार्रवाई की है, जबकि डीपीसीसी ने 1,368 उद्योगों को कारण बताओ नोटिस भेजा है और 417 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, 1018 उद्योगों में ईंधन को पीएनजी में तब्दील कर दिया गया है। पर्यावरण मार्शलों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में बताया गया कि अगस्त 2018 तक उन्होंने नियम उल्लंघन के 9,845 मामले पाए थे, जिनमें से 95 फीसद का निपटारा उन्होंने खुद साइट पर कर दिया।

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ये पैमाना है वायु गुणत्ता मापने का 
एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’ 
51-100 के बीच ‘संतोषजनक’ 
101-200 के बीच ‘मध्यम’
201-300 के बीच ‘खराब’
301-400 के बीच ‘बेहद खराब’
401-500 के बीच ‘गंभीर’ 

इस उम्र के लोग बचें जहरीली हवा से 
प्रदूषण सबसे पहले बच्चों और बुजुर्गों को अपना शिकार बनाता है। ऐसे में, हर मौसम में 5 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का खास ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को इस तरह की प्रदूषित हवा में कम से कम बाहर निकलना चाहिए।

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