दिल्ली चुनाव परिणाम कइयों को करेगा गुमनाम

Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Feb, 2020 08:36 AM

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान खत्म होने के बाद एग्जिट पोल में ‘आप’ की फिर पूर्ण बहुमत से जीत का दावा किया गया है। किसी भी सर्वे एजैंसी के एग्जिट पोल में भाजपा की बहुमत की संभावना नहीं जताई गई है। एग्जिट पोल सर्वे कई बार गलत भी हुए हैं, लेकिन सट्टा...

नेशनल डेस्कः दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान खत्म होने के बाद एग्जिट पोल में ‘आप’ की फिर पूर्ण बहुमत से जीत का दावा किया गया है। किसी भी सर्वे एजैंसी के एग्जिट पोल में भाजपा की बहुमत की संभावना नहीं जताई गई है। एग्जिट पोल सर्वे कई बार गलत भी हुए हैं, लेकिन सट्टा बाजार के अनुमान ज्यादातर सही होते रहे हैं। सट्टा बाजार में भी ‘आप’ की ही पूर्ण बहुमत से जीत वाला भाव लगातार जारी है। वहीं ‘आप’ राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कार्यकर्त्ताओं से ई.वी.एम. की कड़ी निगरानी की अपील की। कांग्रेस नेता भी सतर्क हैं। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव मतगणना में ई.वी.एम. के मार्फत यदि कुछ भी उलटफेर करने की आशंका हुई तो इसे ‘आप’ व कांग्रेस मुद्दा बनाएंगे जिसमें अन्य विपक्षी दल भी साथ आ जाएंगे और इसे बिहार, असम व प. बंगाल वि.स. चुनाव में मुद्दा बना देंगे। चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग करने लगेंगे। 

 

ऐसे में जो भी हो दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम कइयों को गुमनाम करेगा। यदि फिर ‘आप’ जीती तो अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया व प्रशांत किशोर का कद बढ़ेगा। भाजपा जीती तो अमित शाह, जे.पी. नड्डा की बमबम होगी, मनोज तिवारी का कद बढ़ेगा। यदि भाजपा हारी तो कहा जाएगा कि नड्डा के अध्यक्ष बनते ही भाजपा एक राज्य में हार गई व मनोज तिवारी पर गाज गिरेगी। उनको दिल्ली भाजपा अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है, यही हाल दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पी.सी. चाको का होगा।

 

बजट सत्र के बाद होगा मंत्रिमंडल विस्तार
केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार बजट सत्र के बाद होगा क्योंकि मंत्रिमंडल में जो फेरबदल किए जाने हैं, उनमें वित्त मंत्र निर्मला सीतारमण का विभाग भी बदले जाने की बात कही जा रही है। उनके मंत्रालय पर रेल मंत्री पीयूष गोयल व बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के नाम की चर्चा है। उसमें एक पेंच बिहार विधानसभा चुनाव का है जो इस वर्ष के अंत में होना है। इधर बजट सत्र में बजट के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है, जिसमें वित्त मंत्री को जवाब देना होता है इसलिए बजट पेश करने वाली मंत्री निर्मला को यदि किसी और विभाग में शिफ्ट करना है तो बजट सत्र के दौरान नहीं किया जाएगा। ऐसे में यह फेरबदल 3 अप्रैल को बजट सत्र खत्म हो जाने के बाद हो सकता है तब तक राज्यसभा के नए सांसदों का चुनाव भी हो जाएगा। वहीं संगठन में फेरबदल का काम भी पूरा कर लिया जाएगा, क्योंकि कइयों को मंत्रिमंडल से हटाकर संगठन में व कई को संगठन से मंत्रिमंडल में भेजा जाना है।

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