भारत-अमरीका समझौतों का जल्द जमीन पर नजर आएगा असर, भारत में बढ़ेगा अमरीकी निवेश: तरणजीत संधू

Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Jul, 2023 10:36 AM

effect of indo us agreements will soon be seen on ground taranjit sandhu

अमरीका में भारत के राजदूत तरणजीत संधू ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में किए गए अमरीका के स्टेट विजिट के दौरान हुए समझौतों के परिणाम जल्द ही ग्राऊंड पर नजर आएंगे और इससे दोनों देशों के नागरिकों को भी सीधा फायदा होगा।

नेशनल डेस्क: अमरीका में भारत के राजदूत तरणजीत संधू ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में किए गए अमरीका के स्टेट विजिट के दौरान हुए समझौतों के परिणाम जल्द ही ग्राऊंड पर नजर आएंगे और इससे दोनों देशों के नागरिकों को भी सीधा फायदा होगा। इन समझौतों के परिणाम स्वरूप भारतीय छात्रों को घरेलू कालेजों में हो विश्व स्तरीय शिक्षा हासिल होगी और इसके साथ ही तकनीक के आदान-प्रदान से भारत में अमरीकी निवेश बढ़ेगा। तरणजीत संधू प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के मध्य एक अहम कड़ी के तौर पर काम करते रहे और तमाम समझौतों में उनकी बड़ी भूमिका रही। संधू पिछले 30 साल से विदेश सेवा में कार्यरत है। प्रधानमंत्री के अमरीका दौरे के दौरान हुए समझौतों को ग्राऊंड पर कैसे लागू किया जाएगा और इसके क्या प्रभाव होंगे, इस पर पंजाब केसरी के वरिष्ठ संवाददाता रमनदीप सोढी ने उनके साथ विशेष बातचीत की। पेश है तरणजीत संधू का पूरा इंटरव्यू:

 

आप प्रधानमंत्री के दौरे को किस तरह से देखते हैं?

यह प्रधानमंत्री का स्टेट विजिट था और आजाद भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री की यह तीसरी स्टेट विजिट थी। व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री के पहुंचने पर जो स्वागत समारोह हुआ, उसमें प्वासी भारतीयों की शमूलियत हमारी उम्मीदों से कहीं बढ़कर थी। अमरीकी कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए ऐतिहासिक ज्वाइंट एड्रैस के दौरान सदस्यों में भारी उत्साह था और अमरीकी कांग्रेस के सदस्यों ने बड़े जोश के साथ प्रधानमंत्री के साथ इंट्रैक्ट किया और स्पीकर सहित कई सदस्यों ने प्रधानमंत्री के ऑटोग्राफ भी लिए। प्रधानमंत्री मोदी ही इकलौते ऐसे भारतीय नेता हैं जिन्होंने पहली बार 2016 में और दूसरी बार 2023 में अमरीकी कांग्रेस को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान आयोजित हुई स्कीलिंग फार फ्यूचर इवैंट के दौरान अमरीका की पहली महिला जिल बाइडन विशेष तौर पर शामिल हुई।य़ इसके अलावा कैनेडी सैंटर में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए प्रेरणादायक भाषण से भी सब लोग प्रभावित हुए। इस भाषण के दैरान अमरीकी थिंक टैंक , उद्योगपति , बड़ी कंपनियों के सी.ई.ओ व राजनेताओं सहित करीब 1100 प्रभावशाली व्यक्ति मौजूद रहे। प्रधानमंत्री तीन दिन वाशिंगटन डी.सी में रहे और तीनों दिन अमरीकी राष्ट्रपति  जो बाइडन ने व्हाइट हाऊस में उन्हें रिसीव किया। ऐसा पहली बार हुई कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री तीन दिन व्हाइट हाऊस में रूका और अमरीकी राष्ट्रपति तीनों दिन उन्हें मिले। यह भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान था। 

 

जो समझौते हुए हैं, वे जमीनी स्तर पर कब तक लागू होंगे?

 भारत-अमरीका के संयुक्त बयान में यह स्पष्ट कहा गया है कि सरकारी, प्राइवेट और अकैडमिक सैक्टर पहली बार संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। हाईटेक हैंडशेक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व में भारत व अमरीका की चोटी की कंपनियां शामिल हुईं। एप्पल पहले ही भारत में आईफोन का निर्माण कर रही है। माइक्रोन, सैमीकंडक्टर, टैस्टिंग एसेंबली यूनिट जैसी कंपनियां भी हैं। कुल मिलाकर 2.7 बिलियन डालर का निवेश होगा। इससे 20 हजार नौकरियां पैदा होंगी। लैम रिसर्च 60 हजार भारतीय इंजीनियरों को ट्रेनिंग देगी। फर्स्ट सोलर पहले ही तमिलनाडु में निवेश कर चुकी है। गूगल इंडिया डिजिटलाइजेशन फंड में 10 बिलियन डालर का निवेश करेगी। बोइंग 100 मिलियन डालर निवेश करेगा, जिसके तहत भारत में 31 हजार नए पायलटों को  स्पोर्ट किया जाएगा।

 

भारत व अमरीका के इस रिश्ते को क्या नाम दिया जा सकता है?

इस रिश्ते को पार्टनशिप कहा जा सकता है। पार्टनरशिप में दोनों पक्षों का आइजेशन समन्वय होता है और यह पार्टनरशिप दोनों देशों के हाथ में होती है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि ग्लोबल गुड है तो इसका एक बड़ा मतलब है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत व अमरीका का बड़ा गठजोड़ है। उदाहरण के तौर पर कोरोना वैक्सीन रूटा वायरस व कार्बवैक्स की कीमत 100 डालर से गिरकर 60 डालर और फिर 1 डालर पर पहुंच गई। यह वैक्सीन बनाने के लिए भारतीय कंपनियों ने अमरीकी तकनीक का इस्तेमाल किया।

 

भारत-अमरीका समझौते से पंजाबियों को होगा फायदा

उन्होंने कहा कि यह बात स्पष्ट है कि यदि भारत विकास करेगा तो पंजाब भी इससे अछूता नहीं रहेगा। अपने भारत दौरे के दौरान मैंने मुख्यमंत्री व राज्यपाल से मुलाकात की थी। अमरीका में स्वास्थ्य कर्मियों की भारी जरूरत है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में अमरीका की कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए तैयार हैं। भारत के स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग देकर अमरीका में 4-5 साल के लिए काम करने को लेकर कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। पंजाब की तमाम संस्थाओं को भी इससे लाभ होगा। सैमी कंडक्टर की बात करें तो सबसे पहले इसका सैटअप मोहाली में ही हुआ था। टैक्नोलॉजी, इनोवेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर व डिफेंस सेक्टर में पंजाब के लिए भी बहुत संभावनाएं हैं। हमने 180 यूनिवर्सिटीज के चांसलरों और प्रमुखों के साथ बातचीत की है और नई शिक्षा नीति के तहत इसका फायदा पंजाब की यूनिवर्सिटियों को भी उठाना चाहिए।

 

क्या अमरीका भारत को एक बाजार के तौर पर देख रहा है या यह मोहब्बत दिल से है।

राष्ट्रपति या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का ब्यान देखें तो यह बात स्पष्ट है कि यह दोनों देशों के मध्य पार्टनशिप है और यह पार्टनरशिप दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। इसमें कोई निजी स्वार्थ नहीं है। जी. ई. इंजन के बारे में भारत के साथ बैस्ट टैक्नोलोजी का आदान प्रदान हो रहा है और इस बारे में एम.ओ.यू. भी साइन' हुआ है। माइक्रोन और अप्लाइड मटीरियल जैसी टॉप कंपनियां भारत काफी पाजी में निवेश कर रही हैं। मिनरल सिक्योरिटी पार्टनरशिप को लेकर अमरीका ने भारत के साथ एग्रीमेंट साइन किया है। इसी प्रकार स्पेस को लेकर भी दोनों पक्षों के मध्य समझौता हुआ है। इस समझौते के मुताबिक नासा भारतीय तत्पर है। एस्ट्रोनॉट्स को आधुनिक तकनीक सिखाएगी और भारत व अमरीका 2024 के लिए एक संयुक्त आप्रेशन भी तैयार कर रहे हैं। इस पार्टनरशिप से भारत भी बहुत कुछ हासिल कर रहा है। एनर्जी, हाइड्रोजन मिशन, सोलर बैटरी टैक्नोलोजी आदि में अमरीका  और भारत की पार्टनरशिप है व शिक्षा को लेकर ज्वाइंट टास्क फोर्स बनाई गई है। इसी प्रकार स्वास्थ्य और उद्योग को लेकर भी नई रणनीति बनाई गई है, जिससे भारत को काफी फायदा होगा।

 

जल्द भारतीयों के हाथों में होंगी टैस्ला साइन की कारें 


तरणजीत संधू इस दौरान अमरीकी कंपनी टैस्ला के भारत आगमन को लेकर पूछे गए सवाल पर काफी पाजीटिव नजर आए। उन्होंने कहा कि एलन सेक्योरिटी मस्क न्यूयार्क में प्रधानमंत्री से मिले हैं और दोनों के मध्य बहुत अच्छी और प्रभावशाली बातचीत हुई है। टैस्ला का एक प्रतिनिधमंडल जल्द भारत हुआ आ रहा है। टैस्ला भारत में निवेश करने के लिए तत्पर है। मुझे उम्मीद है कि भारतीयों के हाथ में जल्द ही टैस्ला की कारें होंगी।

 

यदि भविष्य में दोनों देशों में सरकार बदलती है तो क्या ये समझौते फिर भी लागू होंगे ?

मेरी अमरीकी प्रशासन के साथ करीब 2 दशक की इंट्रैक्शन है। अमरीका में राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन, जार्ज डब्ल्यू बुश, बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप व राष्ट्रपति जो बाइडेन के दौरे को देखें। प्रधानमंत्री के दौरे के साथ अमरीका व भारत के रिश्ते एक नए मुकाम पर पहुंचे हैं। यू.एस. कांग्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब भारत के विजन के बारे में बताया तो डैमोक्रेट व रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के सदस्यों ने खड़े होकर तालियों से उनका अभिवादन किया। यह बात साफ है कि अमरीका की दोनों पार्टियों का भारत को भरपूर समर्थन है। नई शिक्षा नीति में हमारा विजन यह है कि भविष्य में जो सुविधाएं अमरीका में हैं, वे सुविधाएं भारत में ही छात्रों को मिल जाएं तो उन्हें अमरीका आकर पढ़ाई पर लाखों रुपए खर्च न करने पड़ें। यह सब कुछ पार्टनरशिप के साथ ही संभव है।

 

वीजा अप्वाइंटमैंट के लिए कम होगा भारतीयों का इंतजार

भारतीयों को अमरीका वीजा हासिल करने के लिए अप्वाइंटमेंट मिलने में हो रही देरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि • दोनों देशों के नेताओं के मध्य हुए वार्तालाप के दौरान आम जनता से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई है। अमरीका जल्द ही भारत में दो और दूतावास खोलने जा रहा है। ये दूतावास वीजा के अलावा अन्य मसलों पर काम करेंगे। इससे पहले हाल ही में अमरीका के बीजा एप्लीकेशन की प्रोसैसिंग में काफी सुधार हुआ है और वेटिंग पीरियड धीरे-धीरे कम हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसमें और सुधार होगा। हम सियाटल में भी एक दूतावास खोलने जा रहे हैं, यहां बड़ी संख्या में पंजाबी रहते हैं। भारत दो अन्य दूतावास खोलने की भी तैयारी कर रहा है।

 

अमरीका में बढ़ी भारतीयों की साख, एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन में भी नजर आएगा इसका असर 
उन्होंने कहा कि अमरीका भारतीय टैलेंट को बहुत अहमियत दे रहा है। इसके साथ ही भारतीय पासपोर्ट की वैल्यू भी बढ़ेगी। आज यह माहौल बन गया है कि यदि कोई भारतीय अमरीकी किसी कंपनी के बोर्ड का मैम्बर बनता है तो वाल स्ट्रीट में उस कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ जाती है। इस समय बाइडेन प्रशासन में जो चोटी के डाक्टर हैं, वे भारतीय हैं और यह भारत के लिए गर्व की बात है। भारतीय मूल के पांच सदस्य अमरीका के कांग्रेसमैन बने हैं। यदि इसके बावजूद हमारे पास इमीग्रेशन को लेकर कोई शिकायत आती है तो हम उस पर हरसंभव कार्रवाई करते हैं।

 

माता-पिता सरकारी नौकरी में रहे, पत्नी रीनत संधू भी नींदरलैंड में भारत की राजदूत के तौर पर तैनात 


तरणजीत संधू के पिता का नाम बिशन सिंह समुंदरी है और उनका जन्म 1963 में लुधियाना में हुआ। उनके पिता भी सरकारी सेवा में रहे हैं जबकि माता कालेज में प्रोफेसर रही हैं। वह 5 साल तक सैक्रेड हार्ट स्कूल अमृतसर में पढ़े और इसके बाद लारेंस स्कूल स्नावर में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की और यह 2 साल हैड स्टूडेंट भी रहे। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से इंटरनैशनल रिलेशन में मास्टर डिग्री के साथ-साथ एम.फिल की और इसी दौरान उन्होंने सिविल सर्विसिज की परीक्षा दी और आई. एफ. एस. में आ गए। तरणजीत संधू की शादी 89 बैच की आई.एफ.एस. आफिसर रीनत संधू के साथ हुई है, रीनत भी भारतीय विदेश सेवा की एक वरिष्ठ अधिकारी हैं और वर्तमान समय में नीदरलैंड में भारत की राजदूत हैं। तरणजीत संधू ने कहा कि उनकी जिंदगी में उनके दादा तेजा सिंह समुंदरी का काफी प्रभाव है। उनकी 1926 में 40 साल की आयु में लाहौर की जेल में मृत्यु हो गई थी। मैंने उनके जीवन से यह सीखा है कि जो भी काम करना है, उसे पूरी मेहनत, दृढ़ता, ऊर्जा व ईमानदारी से करना चाहिए

 

इंटरनैशनल रिलेशन पर संधू का 30 साल का अनुभव

  • 1990-92, सोवियत यूनियन (रूस) में स्थित भारतीय मिशन में थर्ड सेकेटरी (पालीटिकल), सैकेंड सैक्रेटरी (कमर्शियल) के तौर पर तैनाती
  • 1992-94 कीव में नया भारतीय दूतावास खोलने की जिम्मेदारी निभाई और इसी दूतावास में पालीटिकल और प्रशासनिक विंग का नेतृत्व किया। 
  • 1995-97, विदेश मंत्रलय में ओ एस. डी. (प्रैस रिलेशन) रहे और इस दौरान विदेशी मीडिया के साथ तालमेल की जिम्मेदारी निभाते रहे।
  • 1997-2000, वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास में फर्स्ट सैक्रेटरी (पालीटिकल) के तौर पर तैनात हुए और अमरीकी कांग्रेस के साथ तालमेल को जिम्मेदारी निभाई।
  • 2000-2004, कोलंबो में स्थित भारतीय नेपालीटिकल विंग के प्रमुख के तौर पर काम किया।
  • 2005-2009 यूनाइटिड नेशन के न्यूयार्क स्थित भारत के स्थाई मिशन में तैनात रहे। 
  • 2009-2011 विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (यूनाइटिड नेशन) और संयुक्त सचिव (प्रशासन) के तौर पर सेवाएं दीं 
  • 2011-2013 फ्रैंकफर्ट में स्थित भारतीय दूतावास के कौंसिल जनरल रहे।
  • 2013-2017 वाशिंगटन डीसी में स्थित भारतीय दूतावास के डिप्टी चीफ के तैर पर सेवाएं दीं।
  • 2017-2020, श्रीलंका के कोलंबो में स्थित भारतीय दूतावास में हाई कमिश्नर रहे
  • 3 फरवरी 2020 से अब तक अमरीका में भारत के राजदूत के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!