जनता की छोडिय़े जनाब यहां तो सरकारी विभाग ही नहीं चुकाते हैं बिजली की बिल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 07:08 PM

electricity bill not paid by govt dept

बिजली विकास विभाग द्वारा अपने निजी, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं से बिजली के बकाया बिलों की वसूली के लिए कभी सरचार्ज माफी योजना चलाई जाती है तो कभी कनैक्शन काटने के नाम पर धमकाकर उनसे बकाया बिल वसूलने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन सच्चाई तो यह...

जम्मू : बिजली विकास विभाग द्वारा अपने निजी, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं से बिजली के बकाया बिलों की वसूली के लिए कभी सरचार्ज माफी योजना चलाई जाती है तो कभी कनैक्शन काटने के नाम पर धमकाकर उनसे बकाया बिल वसूलने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन सच्चाई तो यह है कि बिजली विभाग के कुछ उपभोक्ता ऐसे हैं, जिसका विभाग कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ये विभाग हैं राज्य एवं केंद्र सरकार के सरकारी विभाग।  बजली विकास विभाग न तो उनके कनैक्शन काट सकता है और न ही किसी अन्य तरीके से धमका सकता है, यही कारण है कि विभाग के इन उपभोक्ताओं यानी सरकार विभागों को बिजली बिल भरने की कोई चिंता ही नहीं है। 


बिजली विकास विभाग द्वारा राज्य विधानसभा में रखी अपनी रिपोर्ट के अनुसार अक्तूबर 2017 तक सरकारी विभागों का बकाया बिजली बिल जम्मू क्षेत्र में 108083.77, कश्मीर में 80200.75 और लद्दाख में 994.41 लाख रुपए तक पहुंच गया था, जबकि अब इसमें और बढ़ौतरी की संभावना है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार जम्मू क्षेत्र में अकेले पी.एच.ई. विभाग को 57138.94 लाख रुपए का बिजली बिल भरना है, जबकि उसके सहयोगी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का 8505.27 लाख रुपए का बिल बकाया है। स्थानीय निकायों से सरकार को 19334.18 करोड़ रुपए का बिल वसूल करना है, जबकि स्वास्थ्य विभाग को 4270.63 लाख रुपए, खनन विभाग को 1274.46 लाख रुपए और 1190.93 लाख रुपए का बिल भरना है।
 इस मामले में सुरक्षा बल भी पीछे नहीं हैं। राज्य पुलिस विभाग को 3461.85 लाख रुपए का बिल भरना है तो केंद्रीय सुरक्षा बलों की तरफ 3124 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया है। 

कश्मीर का भी यही हाल है
कश्मीर घाटी की बात करें तो वहां भी सबसे ज्यादा 46378.68 लाख रुपए का बिल पी.एच.ई., सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की तरफ बकाया है। राज्य के गृह विभाग को जहां 10681.86 लाख रुपए का बिल भरना है, वहीं सेना को 3616.77 लाख रुपए, सी.आर.पी.एफ. को 1578.92 लाख रुपए और बी.एस.एफ. की तरफ 316.11 लाख रुपए का बिल बकाया है। कश्मीर में आवास एवं शहरी विकास विभाग की तरफ 3825.80 लाख रुपए का बिल खड़ा है तो स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को 6026.62 लाख रुपए का बिल भरना है। 

लद्दाख पर एक नजर
लद्दाख क्षेत्र में भी बिजली विभाग को पी.एच.ई. विभाग से 28646112 रुपए और उसके सहयोगी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग तथा कृषि विभाग से 268939 रुपए का बिल वसूल करना है। लद्दाख में सेना भी बिजली विकास का बहुत बड़ा बकायादार है, क्योंकि सेना की तरफ 35761394 रुपए का बिल बकाया है, जबकि पुलिस को 2883805 रुपए, स्थास्थ्य विभाग को 1901634 रुपए, शिक्षा विभाग को 1839359 रुपए, पशुपालन विभाग को 969841 रुपए, मछली पालन विभाग 50668 रुपए और वन, लोक निर्माण एवं अन्य विभागों की तरफ 27119683 रुपए का बिजली बिल बकाया है। 

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