इलेक्ट्रिक वाहनों के गढ़ होसुर में चुनाव प्रचार का अनोखा तरीका, पोस्टर और होर्डिंग छोड़ डिजिटल प्रचार पर जोर

Edited By Parminder Kaur,Updated: 11 Apr, 2024 01:45 PM

emphasis on digital promotion in hosur the stronghold of electric vehicles

तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले में पोचमपल्ली और कृतनापल्ली के बीच 70 किलोमीटर की दूरी हरी-भरी मनोरम वादियों और पहाड़ियों से होकर गुजरती है। हालांकि इस इलाके में चुनावों की आपाधापी नजर नहीं आती। मगर इस इलाके की नई चौड़ी सकड़ें, विस्तारित बुनियादी ढांचा,...

नेशनल डेस्क. तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले में पोचमपल्ली और कृतनापल्ली के बीच 70 किलोमीटर की दूरी हरी-भरी मनोरम वादियों और पहाड़ियों से होकर गुजरती है। हालांकि इस इलाके में चुनावों की आपाधापी नजर नहीं आती। मगर इस इलाके की नई चौड़ी सकड़ें, विस्तारित बुनियादी ढांचा, बुलंद इमारतें और दुकानें तथा बन रही रियल एस्टेट परियोजनाएं आदि लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं। ग्रामीण तमिलनाडु के इस गांव का नाम देश के अन्य हिस्सों के लिए अपरिचित हो सकता है। मगर यह इलाका इन दिनों सुर्खियों में है। पोचमपल्ली में ओला इलेक्ट्रिक दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन कारखाना लगा रही है। कृतनापल्ली में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स आईफोन की असेंबलिंग इकाई लग रही है।


कृष्णागिरि के ये गांव औद्योगिक शहर होसुर का ही विस्तार है, जो टाटा की इकाई से करीब 32 किलोमीटर और ओला संयंत्र से 80 किलोमीटर दूर है। ओला फ्यूचर फैक्टरी से 500 मीटर दूर चाय की टपरी चलाने वाले सुब्रमण्यन ने कहा कि विशाल कारखाने से उनका कारोबार बहुत नहीं बढ़ा है लेकिन उनका मानना है कि यह एक उदाहरण हो सकता है कि उद्योग किस तरह से ग्रामीण भारत में विकास ला सकता है। इन इलाकों और औद्योगिक शहर होसुर के दौरे के दौरान बिजनेस स्टैंडर्ड को कहीं भी चुनावी हलचल नहीं दिखी जबकि देश के अन्य हिस्सों में चुनाव का खुमार देखा जा रहा है। होसुर औद्योगिक संघ के अनुसार पूरे इलाके में कहीं भी पोस्टर, नेताओं के कटआउट और होर्डिंग नहीं लगे हैं, जो इसका संकेत है कि इस इलाके में जहां 90 फीसदी लोग करदाता हैं, डिजिटल प्रचार जोर पकड़ रहा है। 


टीवीएस मोटर्स, अशोक लीलैंड और टीएएफई की आपूर्तिकर्ता एल्केम ऑटो एन्सिलियरीज के प्रेसिडेंट अरविंद एम अधि का मानना है, 'यह अच्छी बात है कि होर्डिंग नहीं लगे हैं मगर चुनाव प्रचार सभी जगह चल रहा है। पोस्टर कम दिखने का मतलब है कि लोग प्रचार के लिए अन्य माध्यम अपना रहे हैं।' 


यह इलाका कृष्णागिरि संसदीय क्षेत्र के तहत आता है और यहां कांग्रेस के के गोपीनाथ और अन्नाद्रमुक के वी जयप्रकाश, भारतीय जनता पार्टी के सी नरसिम्हन और नाम तमिलार कांची के विद्यारानी वीरप्पन के बीच कड़ा मुकाबला होने जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता विद्यारानी कुख्यात डाकू वीरप्पन की बेटी हैं। एक उद्यमी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, 'कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है। तीनों प्रमुख उम्मीदवार वैश्य जाति के हैं। गोपीनाथ पहले तीन बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा के उम्मीदवार पहले कांग्रेस में थे और सांसद रह चुके हैं। मोदी का असर हो सकता है मगर द्रमुक काफी मजबूत है।'


बिजनेस स्टैंडर्ड की टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स आईफोन हब के बाहर सॉफ्टवेयर इंजीनियर झान बाशा से मुलाकात हुई जिनका पहनावा और स्टाइल 1990 के दशक की फिल्मों में रजनीकांत जैसा दिख रहा था। बाशा के अनुसार विकास रियल एस्टेट की कीमतों पर काफी हद तक निर्भर था। उन्होंने कहा, 'टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का कारखाना लगने से पहले यहां जमीन की कीमत 1.5 लाख रुपये प्रति एकड़ थी। लेकिन अब कई गुना बढ़कर 3 करोड़ रुपये प्रति एकड़ हो गई है।' 


होसुर को केवल एक शहर और कृष्णागिरि को सामान्य संसदीय क्षेत्र समझना गलत होगा। यहां केवल ओला और टाटा के कारखाने ही नहीं हैं। देश में बिकने वाले कुल इलेक्ट्रिक दोपहियों के 65 फीसदी से ज्यादा की बिक्री होसुर-कृष्णागिरि-धर्मपुर इलाके में होती है। 


 

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