AAP के बयान पर लवली का पलटवार, कहा- जेल से बाहर आने के बाद अभी तक सामान्य नहीं हुए संजय सिंह

Edited By Utsav Singh,Updated: 29 Apr, 2024 10:30 PM

sanjay singh has not yet become normal after coming out of jail lovely

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने कांग्रेस की दिल्ली इकाई प्रमुख पद से अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के एक दिन बाद, लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय राजधानी में दोनों दलों के बीच हुए गठजोड़ का श्रेय उन्हें दिया और उनकी सराहना की।

नेशनल डेस्क : आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने कांग्रेस की दिल्ली इकाई प्रमुख पद से अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के एक दिन बाद, लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय राजधानी में दोनों दलों के बीच हुए गठजोड़ का श्रेय उन्हें दिया और उनकी सराहना की। लवली ने कांग्रेस और आप के बीच हुए गठजोड़ की आलोचना करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया था। सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुये लवली ने कहा कि जब ‘इंडिया' गठबंधन का गठन हुआ था, वह कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख नहीं थे।

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जेल से बाहर आने के बाद से आप नेता ‘‘सदमे'' में
उन्होंने कहा कि जेल से बाहर आने के बाद से आप नेता ‘‘सदमे'' में हैं। आप के राज्यसभा सदस्य सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी के गठजोड़ का श्रेय लवली को भी जाता है। कांग्रेस नेता लवली के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, "मैं यह जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि लवली ने कांग्रेस के साथ हमारे गठजोड़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुझे अब उनके विपरित विचारों के कारणों की जानकारी नहीं है।" उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लवली ने कहा, ‘‘संजय सिंह एक अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन मुझे लगता है कि वह अब भी सदमे हैं। जेल से बाहर आने के बाद वह सामान्य नहीं हो पाए हैं।''

लवली ने कहा, ‘‘जब अप्रैल में इंडिया गठबंधन का गठन हुआ था मैं (कांग्रेस की दिल्ली इकाई का) प्रमुख नहीं था। मैं उस वक्त भी इस पद पर नहीं था जब बेंगलुरु में इसकी दूसरी बैठक हुई थी। मुंबई में तीसरी बैठक होने के दौरान भी मैं इस पद पर नहीं था।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं (प्रदेश कांग्रेस) अध्यक्ष बना, दुर्भाग्य से वह (सिंह) जेल चले गए थे। उन्हें कैसे पता चला कि मैंने (कांग्रेस-आप गठजोड़) में मुख्य भूमिका निभाई थी । इसका मतलब है कि जेल में कोई होगा जो उन्हें बाहर निकाला करता होगा।'' सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। वह अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं।

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लवली का इस्तीफा कांग्रेस का आंतरिक मामला
आप नेता ने लवली को इस बात के लिए भी धन्यवाद दिया कि जब प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था तब वह उनके आवास पर पहुंचने वाले कांग्रेस के पहले नेता थे। हालांकि, सिंह ने इस बारे में और कुछ कहने से इनकार करते हुए कहा कि लवली का इस्तीफा कांग्रेस का आंतरिक मामला है। लवली की टिप्पणी पर सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत टिप्पणियां नहीं करता। उनकी पार्टी (उनपर) निर्णय करेगी। मैंने पहले भी उन्हें काफी सम्मान दिया है, और अब भी भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘वह (लवली) कह रहे हैं कि जब इंडिया गठबंधन का गठन हुआ था, वह प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नहीं थे। मैंने गठजोड़ में उनकी भूमिका के बारे में बोला था। मैं उनकी सराहना कर रहा हूं लेकिन वह मेरी याददाश्त पर सवाल उठा रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री भी मेरी याददाश्त पर संदेह नहीं जताते।''

पद से इस्तीफा दिया है पार्टी से नहीं
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख पद से इस्तीफे के फैसले के बारे में पूछे जाने पर लवली ने कहा कि उन्हें पार्टी से कोई शिकायत नहीं है और उन्होंने इसलिए इस्तीफा दिया कि वह संगठन के अंदर मुद्दों को सुलझा नहीं पा रहे थे। आप नेता सौरभ भारद्वाज पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं सौरभ भारद्वाजजी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मैं नहीं जानता कि भाजपा के टिकट उनके द्वारा बांटे जा रहे, अन्यथा मैं उनके पास गया होता।'' वह ‘एक्स' पर किये गए भारद्वाज के उस पोस्ट का संदर्भ दे रहे थे जिसमें आप नेता ने कहा था कि लवली भाजपा में शामिल हो सकते हैं। लवली ने कहा, ‘‘मैंने लगातार कहा है कि मैंने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है पार्टी से नहीं।''

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उम्मीदवारों के ‘‘कामकाज की शैली'' से सहज नहीं
उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनाव में, राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस आलाकमान द्वारा उतारे गए दो उम्मीदवारों के ‘‘कामकाज की शैली'' के साथ सहज नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे (आलाकमान द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों के सिलसिले में) कोई समस्या नहीं है।'' पिछले साल अगस्त में प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने वाले लवली ने अपने त्यागपत्र में 'आप' के साथ पार्टी के गठबंधन और लोकसभा चुनाव में क्रमश: उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से कन्हैया कुमार एवं उदित राज को मैदान में उतारने के फैसले की आलोचना की।

लवली ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस दिल्ली में गठजोड़ के खिलाफ थी, लेकिन पार्टी आलाकमान ने फिर भी आप के साथ गठजोड़ किया। 'इंडिया' गठबंधन के इन दोनों घटक दलों के बीच हुए सीट-बंटवारे के तहत, कांग्रेस ने दिल्ली की सात लोकसभा सीट में से तीन पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बाकी चार सीट पर आप चुनाव लड़ रही है।

 

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