Edited By Monika Jamwal,Updated: 17 Jul, 2020 07:18 PM
जम्मू-कश्मीर की प्रशासनिक परिषद ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी नीति जारी करने और नीतिगत उपायों के क्रियान्वन की मंजूरी दे दी ताकि लाइसेंसों के नवीकरण, रद्दीकरण और स्थानांतरण तथा जुर्माने में पारदर्शिता की स्थिति को सुधारा जा सके।
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की प्रशासनिक परिषद ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी नीति जारी करने और नीतिगत उपायों के क्रियान्वन की मंजूरी दे दी ताकि लाइसेंसों के नवीकरण, रद्दीकरण और स्थानांतरण तथा जुर्माने में पारदर्शिता की स्थिति को सुधारा जा सके। उपराज्यपाल जी सी मुर्मू की अध्यक्षता में यहां हुई परिषद की बैठक में आबकारी नीति लाने की मंजूरी दी गई। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि नई नीति का मकसद विभिन्न प्रकार के करों, शुल्कों को तार्किक बनाना है जिससे राजस्व को अधिकतम किया जा सकेगा और साथ ही शराब सेवन के हानिकारक प्रभाव के बारे में सामाजिक जागरूकता लाई जा सके। उन्होंने कहा कि नीति के तहत पड़ोसी राज्यों से आयातित या बीआईओ ब्रांड की शराब की तस्करी को रोकना और इस कारोबार में सबको समान अवसर उपलब्ध कराना है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस साल की नीति के तहत आबकारी विभाग ने पूर्व सैन्यकर्मियों, दिव्यांग लोगों, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति-अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए निश्चित संख्या में लाइसेंस और लाइसेंस क्षेत्र तय किए हैं। इनके लिए पात्रता नियम बाद में अलग से अधिसूचित किए जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि नीति के मसौदे में लाइसेंस शुल्क ढांचे पर भी नए सिरे से विचार किया गया है। एक निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को पेश कियाा गया है। वहीं मौजूदा प्रति बोतल लाइसेंस शुल्क को ऊपर की ओर संशोधित किया गया है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से 2019-20 की आबकारी नीति को जून, 2020 तक बढ़ाया गया था। यह अब समाप्त हो चुकी है।