गेंहू की कटाई पर कोरोना और लॉकडाउन का साया , किसानों को न मिल रहे मजदूर और न मशीनें

Edited By Monika Jamwal,Updated: 27 Apr, 2020 01:01 PM

farmers are woories about wheat crop harvesting in lockdown

कोरोना वायरस का खौफ तो गांव-गांव तक फैला है लेकिन जिले के किसानों को इससे अधिक अपनी फसल की ङ्क्षचता सता रही है।

साम्बा (संजीव): कोरोना वायरस का खौफ तो गांव-गांव तक फैला है लेकिन जिले के किसानों को इससे अधिक अपनी फसल की ङ्क्षचता सता रही है। पहले बेमौसम बरसात और फिर ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान से परेशान किसान अब खेत में बची फसल की कटाई को लेकर चिंतित हैं। किसानों की परेशानी यह है कि खेतों में गेहूं की फसल पककर तैयार है लेकिन कटाई के लिए मजदूर नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। हर साल कटाई के सीजन में यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से हजारों की तादाद में मजदूर आते थे लेकिन इस बार कोरोना के चलते लॉकडाउन होने के कारण टे्रन-बस सेवा ठप्प है, लिहाजा कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। इसके अलावा पंजाब-हरियाणा से कंबाईन मशीनें भी हर साल कटाई के लिए आती थी लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका आना भी मुश्किल हो रहा है।

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हालांकि कुछ किसानों ने अपने परिवारों ने सदस्यों के साथ फसल कटाई का कार्य शुरू भी कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद जिले में कटाई का समय पर पूरा होने को लेकर संशय बना हुआ है। किसानों का कहना है कि वह कब कटाई काम काम पूरा करेंगे, कब फसल बिकेगी और वह अगली फसल ड्डके लिए तैयारी करेंगे। किसानों को यह भी डर है कि मौसम बिगडऩे पर पकी फसल बर्बाद हो सकती है। 

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बार्डर किसान यूनीयन का आरोप-कटाई को लेकर फिक्रमंद नहीं राज्य प्रशासन
वहीं बार्डर किसान यूनीयन-रामगढ़ (साम्बा) ने राज्य प्रशासन पर किसानों की कटाई की समस्या को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है। किसान यूनीयन के अध्यक्ष मोहन सिंह भट्टी का कहना है कि सरकार को पंजाब से कंबाईन मशीनें मंगानी चाहिए ताकि कटाई का काम समय पर पूरा हो पाए। उन्होंने कहा कि साम्बा लगभग 25 हजार हेक्टेयर फसल की कटाई के लिए जिले में महज 5 कंबाईन मशीनें हैं और चंद रीपर हैं, जिनसे कटाई का काम पूरा नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब सरकार से अनुरोध कर मशीनें मंगाए अन्यथा फसलों का नुक्सान होगा। 
 

PunjabKesariशार्ट सर्किट से फसलों में आग लगने का खतरा भी बरकरार
कटाई में देरी के चलते बिजली के तारों के शार्ट सर्किट से भी खेतों में खड़ी फसलों में आग लगने का खतरा है। सनद रहे कि हर वर्ष हजारों कनाल फसल इसी प्रकार जल जाती है जिसके लिए किसानों को मुआवजा तक नहीं मिलता है। किसान यूनीयन के अनुसार इस साल लॉकडाउन के चलते ग्रामीण इलाकों में लगातार बिना रूकावट के बिजली आ रही है और फैक्टरियां व अन्य व्यवसायिक संस्थान बंद होने से वोल्टेज भी पूरी है, इसलिए खेतों में शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका भी अधिक है। किसान यूनीयन ने मांग की है कि इससे निपटने के लिए पुलिस थाने व चौकियों पर एक-एक फायर टेंडर तैनात करे ताकि आग लगने पर नुक्सान को रोका जा सके। 
 

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