Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 Jan, 2022 08:48 PM
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ ''उत्तेजक टिप्पणियों और नरसंहार जैसी धमकियों'' पर बृहस्पतिवार को नाराजगी व्यक्त की और पूरे देश में ''नफरत फैलाने वाले सम्मेलनों में जहर उगलने वालों''...
श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ 'उत्तेजक टिप्पणियों और नरसंहार जैसी धमकियों' पर बृहस्पतिवार को नाराजगी व्यक्त की और पूरे देश में 'नफरत फैलाने वाले सम्मेलनों में जहर उगलने वालों' के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने 17 और 19 दिसंबर, 2021 के बीच हरिद्वार में एक कार्यक्रम में मुसलमानों के खिलाफ 'उत्तेजक और भड़काऊ भाषण' और दक्षिणपंथी समूहों के ऐसे अन्य 'नफरत फैलाने वाले सम्मेलनों' पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इन भाषणों की निंदा की जानी चाहिए।
भड़काऊ भाषणों से कथित तौर पर आंखें मूंद लेने के लिए सरकार की निंदा करते हुए नेकां अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी हलकों में 'आपराधिक चुप्पी' एक सवाल खड़ा करती है, जिसका जवाब दिया जाना चाहिए।
अब्दुल्ला ने कहा कि भारत को नरसंहार के अपराध की रोकथाम और सजा संधि (सीपीपीसीजी) पर एक हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते देश के मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वालों के खिलाफ दृढ़ता से कार्रवाई करनी चाहिए।
श्रीनगर के नेकां सांसद ने 'भड़काऊ भाषण' देने वाले समूहों और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने कहा, 'यह उचित समय है कि सरकार अपनी निष्क्रियता से नफरत फैलाने वालों को प्रोत्साहित करना बंद करे और कानून का शासन स्थापित करे।"