Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 Sep, 2021 04:16 PM
''लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती'', यह पंक्ति झारखंड के लातेहार जिले की रहने वाली 20 वर्षीय अमूल्य एक्का ने सच साबित करके दिखाई। दरअसल, झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ के संत जोसेफ स्कूल में माली का काम करने...
लातेहार- 'लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती', यह पंक्ति झारखंड के लातेहार जिले की रहने वाली 20 वर्षीय अमूल्य एक्का ने सच साबित करके दिखाई। दरअसल, झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ के संत जोसेफ स्कूल में माली का काम करने वाले अनमोल एक्का की बेटी अमूल्य एक्का का एयर होस्टेस में सिलेक्शन हो गया है।
20 वर्षीय अमूल्य एक्का की शुरुआती पढ़ाई गांव के समीरांप स्थित स्कूल संत मिखालल साले में हुई है। उन्होंने इंटर की पढ़ाई संत जोसेफ (महुआडांड़) से पूरी की है।
8 हजार रुपए कमाने वाले पिता ने कभी भी अपनी बेटी को सपने देखने से नहीं रोका
बेटी की इस कामयाबी पर अमूल्य के पिता अनमोल एक्का का कहना है कि संत जोसेफ स्कूल में बतौर माली उन्हें सैलरी के तौर पर 8 हजार रुपए मिलती है। इसी पैसे से घर में 5 बच्चों पालन-पोषण करते हैं, तीन बहन और दो भाइयों में अमूल्य एक्का दूसरे नम्बर पर हैं, पिता ने कभी भी अपनी बेटी को सपने देखने से नहीं रोका।
अमूल्य के एयर होस्टेस बनना अपने आप में एक चैलेंज था
बता दें कि अमूल्य के एयर होस्टेस बनना अपने आप में एक चैलेंज था। महुआडांड़ जैसे जंगली क्षेत्र में अकसर बिजली की समस्या रहती है, ऐसे में बिना फ़ोन और लैपटॉप के पढ़ना एक चुनौती जैसी थी, अमूल्य एक्का ने इन तमाम चुनौतियों को पार अपने सपने को सच साबित कर दिखाया है।
गूगल ढूंढा एयर होस्टेस बनने का रास्ता
महुआडांड़ के लूरगुमी गांव में इंटरनेट की रफ्तार धीमी होने के बावजूद अमूल्य ने गूगल में ही एयर होस्टेस बनने का रास्ता ढूंढ़ा, जिसके बाद उन्होंने इसके लिए आवेदन किया। लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद अमूल्य एक्का का चयन कर लिया गया है और अब वह जल्द ही ट्रेनिंग के लिए जाने वाली हैं। अमूल्य की इस सफलता पर महुआडांड़ एसडीएम नित निखिल सुरीन ने अमूल्य और उनके पूरे परिवार को बधाई दी है।