मालदीव में बोले जनरल बिपिन रावत, आतंकवाद से निपटने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार

Edited By Yaspal,Updated: 02 Oct, 2019 06:36 PM

general bipin rawat said in maldives army fully ready to deal with terrorism

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत को अपनी सीमा से परे जाने की महत्वाकांक्षा नहीं है और वह दूसरों पर अपनी विचारधारा नहीं थोपना चाहता। उन्होंने इसके साथ ही जोर देकर कहा कि एक जिम्मेदार उभरती हुई ताकत के रूप में भारत अपनी...

नई दिल्लीः सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत को अपनी सीमा से परे जाने की महत्वाकांक्षा नहीं है और वह दूसरों पर अपनी विचारधारा नहीं थोपना चाहता। उन्होंने इसके साथ ही जोर देकर कहा कि एक जिम्मेदार उभरती हुई ताकत के रूप में भारत अपनी क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा की जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा। मालदीव की राजधानी माले में रणनीतिक विशेषज्ञों एवं रक्षा कर्मियों को संबोधित करते हुए रावत ने कहा कि ऊर्जा संपन्न पश्चिम एशिया की अस्थिरता से वैश्चिक तनाव और अशांति बढेगी और अमेरिका तथा ईरान के बीच तनाव ‘चिंताजनक' है।

जम्मू-कश्मीर छद्म युद्ध का कर रहा सामना
पाकिस्तान का नाम लिए बिना सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल जम्मू-कश्मीर में दैनिक आधार पर छद्म युद्ध का सामना कर रहे हैं और भारत के पास पड़ोस से उत्पन्न सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के लिए सैन्य क्षमता हासिल करने का अधिकार सुरक्षित है। पांच दिन के मालदीव दौरे पर गए सेना प्रमुख रावत ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग पर वहां के शीर्ष रक्षा अधिकारी से विस्तृत चर्चा की और बुधवार को उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात की।

रावत ने कहा, ‘‘ हमारी रणनीतिक संस्कृति दो प्रमुख आधारों पर चलती है पहली हमारी अपनी सीमा से परे जाने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, दूसरी अपनी विचारधारा दूसरे पर थोपने की कोई इच्छा नहीं है।'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत रणनीतिक स्वतंत्रता और फैसले लेने में स्वायत्तता की प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा, इसके साथ ही पड़ोस से उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने एवं खत्म करने के लिए सैन्य क्षमता स्थापित करेगा।

आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती
जनरल रावत ने आतंकवाद को दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती करार दिया, इसके साथ ही उन्होंने जनसंहार के हथियारों का प्रसार और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के बजाय ताकत पर जोर को अन्य चुनौतियां करार दिया जिनका सामना पूरी दुनिया कर रही है। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में अस्थिरता से अधिकतर देशों की ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित होगी जो प्रमुख मुद्दा है। यह वैश्चिक तनाव बढ़ायेगा और अशांति पैदा करेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आश्चस्त हूं कि अगर हम मित्रों के साथ मिलकर काम करें तो क्षेत्रीय शांति को खतरा उत्पन्न करने वालों को निष्क्रिय कर सकते हैं।''

रावत ने कहा, ‘‘ इस अस्थिर सुरक्षा माहौल, आर्थिक अंतरनिर्भरता, समान संसाधनों की खोज और वैश्विक संबंधों की गहराई रणनीतिक रिश्तों को निर्धारित करती है। संरक्षणवाद बढ़ने के बावजूद जटिल वैश्विक अंतरनिर्भरता कायम रहेगी।'' समुद्र में चुनौती पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, हिन्द महासागर क्षेत्र के व्यापारिक मार्ग में किसी भी तरह की बाधा भारत और मालदीव दोनों के लिए चुनौती उत्पन्न करेगी। रावत ने कहा, ‘‘ हिन्द महासागर क्षेत्र दोनों देशों के लिए जीवनरेखा है।''

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणतंत्र रहने की दृष्टि हमारे संविधान के प्रस्तावना में है। हमने हमेशा अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सकारात्मक भूमिका निभाई।'' उन्होंने कहा, ‘‘ भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का उद्देश्य आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए आंतरिक और बाहरी स्तर पर अनुकूल माहौल बनाना है ताकि हम सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें और उभरती हुई विश्व व्यवस्था में अनुकूल स्थान पा सके।''

 

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