Edited By Parminder Kaur,Updated: 18 May, 2024 03:35 PM
पतंग उड़ाने में इस्तेमाल होने वाले घातक चाइनीज मांझा और उस जैसे ही शीशे, मेटल, प्लास्टिक जैसे मांझे पर बैन लग सकता है। इनके निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक के लिए केंद्र कानून बनाने पर विचार कर रहा है। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने चाइनीज और...
नेशनल डेस्क. पतंग उड़ाने में इस्तेमाल होने वाले घातक चाइनीज मांझा और उस जैसे ही शीशे, मेटल, प्लास्टिक जैसे मांझे पर बैन लग सकता है। इनके निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक के लिए केंद्र कानून बनाने पर विचार कर रहा है। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने चाइनीज और दूसरे खतरनाक मांझे पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 में संशोधन कर प्रावधान तय करने का सुझाव दिया है।
केंद्र सरकार के पास ऐसे सुझाव कई अन्य मंत्रालयों से भी प्राप्त हुए हैं, जिन पर कानून विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्त 2022 में दिल्ली एनसीआर में चाइनीज मांझे की बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। याचिका में चाइनीज मांझे से 284 हादसों का जिक्र था। इसमें लोगों के गले कटने से लेकर पक्षियों के पंख कटने और फंसकर मरने जैसे कई हादसों का जिक्र था। राजस्थान, पंजाब-हरियाणा और बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी रोक के आदेश दिए हैं, लेकिन अब तक कानून नहीं बना है।