Edited By shukdev,Updated: 13 Nov, 2018 07:20 PM
सरकार ने मणिपुर के आठ उग्रवादी समूहों के गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों में शामिल बने रहने के लिए उन पर लगे प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने कहा कि इन समूहों ने भारत से अलग होकर एक...
नई दिल्ली : सरकार ने मणिपुर के आठ उग्रवादी समूहों के गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों में शामिल बने रहने के लिए उन पर लगे प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने कहा कि इन समूहों ने भारत से अलग होकर एक अलग मणिपुर राज्य बनाने के अपने मकसद को खुलकर व्यक्त किया है, उन्होंने अपने मकसद को हासिल करने के लिए सशस्त्र तरीके अपनाए हैं और सुरक्षा बलों, पुलिस तथा सरकारी कर्मचारियों पर हमले किए हैं।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत जिन संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें पीपल्स लिबरेशन आर्मी या पीएलए और उसकी राजनीतिक इकाई, रिवाल्यूशनरी पीपल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र इकाई मणिपुर पीपल्स आर्मी (एमपीए), पीपल्स रिवॉल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलीपाक और उसकी सशस्त्र इकाई ‘रेड आर्मी’, कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) और इसकी सशस्त्र इकाई ‘रेड आर्मी’, कांगली याओल कांबा लुप (केवाईकेएल), कॉॢडनेशन कमेटी और अलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलीपाक हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इन संगठनों पर पांच साल से लगे प्रतिबंध की सीमा हाल ही में समाप्त हो गई थी और इसलिए पांच और साल के लिए इन्हें प्रतिबंधित घोषित करना जरूरी हो गया था।