ईमानदार लोगों को अपनी ईमानदारी साबित करनी पड़ती है जबकि चोर करते हैं मौज मस्ती : मालीवाल

Edited By Parveen Kumar,Updated: 09 Dec, 2022 09:48 PM

honest people have to prove their honesty while thieves have fun

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को कहा कि ईमानदार लोगों को अपनी ईमानदारी साबित करनी होती है जबकि चोर अपनी जिंदगी के मजे लेते हैं।

नेशनल डेस्क : दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को कहा कि ईमानदार लोगों को अपनी ईमानदारी साबित करनी होती है जबकि चोर अपनी जिंदगी के मजे लेते हैं। मालीवाल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब शहर की एक अदालत ने डीसीडब्ल्यू में नियुक्तियों के संबंध में उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। मालीवाल ने यह भी कहा कि जब तक वह जिंदा रहेंगी लड़ती रहेंगी। दिल्ली की एक अदालत ने ‘प्रथमदृष्टया' अपने पद का दुरुपयोग करके महिला अधिकार निकाय में विभिन्न पदों पर आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं को नियुक्त करने के मामले में बृहस्पतिवार को मालीवाल और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने का आरोप तय करने का आदेश दिया।

स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ ईमानदारी से काम करने वालों को अपनी ईमानदारी सिद्ध करनी पड़ती है और चोर देश में मजे मारते हैं। लाखों मामले संभाले, सैंकड़ों बच्चियों को तस्करी से बचाया, शराब-मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले माफिया पकड़वाए, गरीबों के साथ खड़ी हुई। बस यही मेरा गुनाह है। जब तक ज़िंदा हूं, लड़ती रहूंगी।'' इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना से डीसीडब्ल्यू की प्रमुख स्वाति मालीवाल को हटाने की मांग की है।

सक्सेना को लिखे गये पत्र में पश्चिमी दिल्ली के भाजपा सांसद परवेश वर्मा ने मालीवाल को उन्हें पद से हटाने की मांग की। वर्मा ने कहा, ‘‘मैं आप से अनुरोध करता हूं कि असंवैधानिक कृत्य के लिए स्वाति मालीवाल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें और उन्हें डीसीडब्ल्यू के अध्यक्ष के पद से हटाएं।'' वर्मा ने कहा कि ‘कथित साजिश' के तहत मालीवाल और अन्य ने ‘आप' कार्यकर्ताओं को उचित प्रक्रिया का पालन किये बिना महिला आयोग के विभिन्न पदों पर नियुक्त किया।

अदालत ने आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामला दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अभियुक्तों ने मिलीभगत कर साजिश के तहत अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया और ‘आप' कार्यकर्ताओं को आर्थिक लाभ दिलाया, जिन्हें उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना डीसीडब्ल्यू के विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था।

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि लगता है कि आप भ्रष्टाचार करने का ‘कोई मौका नहीं छोड़ना' चाहती। भाजपा की पूर्व नेता और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर यह मामला भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि महिला आयोग में छह अगस्त, 2015 से एक अगस्त, 2016 के बीच कुल 90 नियुक्तियां की गई थीं, जिनमें से 71 नियुक्तियां संविदा पर थीं और 16 नियुक्तियां ‘डायल 181' हेल्पलाइन के लिए थीं। बाकी की तीन नियुक्तियों का कोई ब्योरा नहीं मिल सका।

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