समय के साथ ठंडा होता जा रहा है इंसान का शरीर, जानिए क्या है वजह

Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Jan, 2020 11:23 AM

human body is getting colder with time

एक तरफ जहां ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से बाहरी वातावरण का तापमान हर दिन बढ़ता जा रहा है, वहीं इंसान के शरीर का तापमान कम यानी ठंडा होता जा रहा है। साल 1851 में शरीर के स्टैंडर्ड औसत बॉडी टैंपरेचर को 37 डिग्री सैल्सियस यानी 98.6 डिग्री फारेनहाइट रखा गया...

नई दिल्ली: एक तरफ जहां ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से बाहरी वातावरण का तापमान हर दिन बढ़ता जा रहा है, वहीं इंसान के शरीर का तापमान कम यानी ठंडा होता जा रहा है। साल 1851 में शरीर के स्टैंडर्ड औसत बॉडी टैंपरेचर को 37 डिग्री सैल्सियस यानी 98.6 डिग्री फारेनहाइट रखा गया था लेकिन तब से लेकर अब तक इसमें धीरे-धीरे कमी दर्ज की गई है। अनुसंधानकर्त्ताओं ने इस बात की समीक्षा की और पाया कि साल 2000 में जन्मे पुरुषों के शरीर का तापमान 1800 में जन्मे पुरुषों की तुलना में औसतन 1.06 डिग्री फारेनहाइट कम है।

 

महिलाओं में भी अनुसंधानकर्त्ताओं ने यही पैटर्न देखा। साल 2000 में जन्म लेने वाली महिलाओं के शरीर का तापमान 1890 में जन्म लेने वाली महिलाओं की तुलना में 0.58 डिग्री फारेनहाइट कम पाया गया। ऐसे में देखें तो बॉडी टैंपरेचर में हर दशक में 0.03 डिग्री सैल्सियस यानी 0.05 डिग्री फारेनहाइट की कमी आई है।

 

टैंपरेचर घटने के पीछे हैं कई वजहें
आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, इस बारे में तो कोई स्पष्ट बात सामने नहीं आई है लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो सैनिटेशन, डैंटल और मैडीकल केयर में हुए सुधार की वजह से शरीर का ‘क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन’ कम हुआ है। इतना ही नहीं, मॉडर्न हीटिंग और एयर कंडीशनिंग के इस्तेमाल से भी स्थायी तापमान और रेस्टिंग मैटाबॉलिक रेट में कमी आई है। ऐसे में आज के समय में ट्रडीशनल 98.6 फारेनहाइट की जगह 97.5 फारेनहाइट शरीर का नॉर्मल टैंपरेचर बन गया है।

 

इंसान के लिए सब कुछ बदल गया
स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में मैडिसिन की प्रोफैसर और स्टडी की सीनियर ऑथर डॉ. जूली पैरसॉनेट कहती हैं, ‘‘शारीरिक दृष्टि से देखें तो हम अतीत में जैसे थे, उसकी तुलना में आज हम उससे काफी अलग हैं। हमारा वातावरण बदल चुका है, हमारे घर के अंदर का तापमान बदल चुका है, माइक्रोऑर्गेनिज्म से हमारा संपर्क बदल चुका है और हम जिस तरह के भोजन का सेवन कर रहे हैं, उसमें भी बदलाव आ चुका है। ऐसे में अगर हम यह सोचें कि मनुष्य के उद्भव यानी विकास से लेकर अब तक हम एक जैसे ही हैं तो ऐसा नहीं है।’’

 

बॉडी का नॉर्मल टैंपरेचर घटा
98.6 डिग्री फारेनहाइट नहीं अब 97.5 है शरीर का सामान्य तापमान
1800 और 2000 में जन्मे लोगों में 1.06 डिग्री फारेनहाइट का अंतर

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!