अमरनाथ यात्रा : आतंकी खतरे की आशंका से बेपरवाह सैकड़ों श्रद्धालु जम्मू पहुंचे, बुधवार से शुरू करेंगे यात्रा

Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Jun, 2022 09:06 PM

hundreds of pilgrims reach jammu regardless of fear of terrorist threat

‘बम-बम भोले'', ‘जय बाबा बर्फानी की'' जैसे कई जयकारों के साथ सैकड़ों उत्साही श्रद्धालु मंगलवार को आतंकी खतरों की आशंका के बावजूद अमरानथ यात्रा के लिए जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार शिविर पहुंचे।

नेशनल डेस्क: ‘बम-बम भोले', ‘जय बाबा बर्फानी की' जैसे कई जयकारों के साथ सैकड़ों उत्साही श्रद्धालु मंगलवार को आतंकी खतरों की आशंका के बावजूद अमरानथ यात्रा के लिए जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार शिविर पहुंचे। कड़ी सुरक्षा के बीच आए ये श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित पवित्र गुफा के लिए बुधवार को यात्रा शुरू करेंगे। श्रद्धालुओं ने कहा कि भगवान शिव के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा और सुरक्षा बलों ने उन्हें वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए प्रोत्साहित किया। कोविड महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद अमरनाथ यात्रा हो रही है। अधिकारियों ने कहा कि श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू आधार शिविर के लिए बुधवार को रवाना होगा।

उन्होंने कहा कि जम्मू शहर में 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बीच आधार शिविर, रहने के स्थान और पंजीकरण और टोकन केंद्रों के आसपास बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं में शामिल लखनऊ के विनय कुमार ने कहा, ‘‘न चिंता न भय, बाबा अमरनाथ जी की जय।'' लखनऊ से आए 12 सदस्यीय समूह में शामिल विनय ने यथा संभव सर्वोत्तम व्यवस्था के लिए अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें भगवान शिव और सुरक्षा बलों पर पूर्ण विश्वास है। अपने परिवार के सात अन्य सदस्यों के साथ यहां मौजूद बेंगलुरु निवासी उपमिता ने कहा कि आधार शिविर पहुंचने के तुरंत बाद उनका डर गायब हो गया।

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) कश्मीर से 30 जून को शुरू होने वाली तीर्थयात्रा को सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए सभी बाधाओं को दूर कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि 3,000 से अधिक तीर्थयात्री जम्मू पहुंचे हैं और उन्हें आधार शिविर और विभिन्न आवास केंद्रों में रखा गया है, करीब 400 साधु भी यात्रा के लिए राम मंदिर शिविर आए हैं। साधु समेत श्रद्धालुओं का पहला जत्था यात्रा की आधिकारिक घोषणा के एक दिन पहले कश्मीर स्थित आधार शिविर के लिए रवाना होगा। यात्रा का समापन परंपरा के अनुरूप रक्षा बंधन के दिन 11 अगस्त को होगा। यात्रा की शुरुआत 30 जून से परंपरागत दोहरे मार्ग से होगी। एक मार्ग दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 48 किलोमीटर लंबा नूनवान है। दूसरा मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग है।

दक्षिण भारत के रहने वाले कार्तिकेश्वर राम ने कहा, ‘‘हम पिछले 15 वर्षों से नियमित रूप से गुफा मंदिर में प्रार्थन करते आए हैं। इस साल भी मैं मानव जाति की शांति और समृद्धि के लिए जा रहा हूं।” सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां आधार शिविर का दौरा कर अमरनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और कहा कि तीर्थयात्रा सुचारु रूप से सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बल सतर्क हैं। सिन्हा ने यह भी कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के लोग आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। अधिकारियों ने बताया कि सालाना अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक करीब तीन लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। सरकार ने इस साल तीर्थयात्रियों के लिए एक रेडियो आवृत्ति सत्यापन (आरएफआईडी) प्रणाली शुरू की है, ताकि उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए रास्ते में उनकी आवाजाही पर नजर रखी जा सके।

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