Edited By Monika Jamwal,Updated: 15 Nov, 2022 01:47 PM
दानिश नबी उर्फ डेनियल ने जब अपने सपनों की यात्रा शुरू की थी तो उन्हें पता ही नहीं था कि एक दिन उन्हें कश्मीर का इब्बन बतूता के नाम से जाना जाएगा।
श्रीनगर: दानिश नबी उर्फ डेनियल ने जब अपने सपनों की यात्रा शुरू की थी तो उन्हें पता ही नहीं था कि एक दिन उन्हें कश्मीर का इब्बन बतूता के नाम से जाना जाएगा। दानिश ने कश्मीर में एडवेंचर टुरिज्म को खोजा है।
इब्बन बतूता की तरह ही डेनियले भी अपने सपनों का सफर बीस की उम्र में शुरू किया था। उसका कहना है कि कश्मीर में पर्यटन कुछ एक स्थानों तक सीमित रह गया था। लोग गुलमर्ग, सोनमर्ग और डल लेक को ही टुरिज्म से जुड़ा देखते आ रहे हैं पर असली कश्मीर तो पहाड़ों में बसा है। रोमांच का दूसरा नाम कश्मीर है और आतंकवाद से पहले करीब अस्सी के दशक में यूरोप का यह आकर्षण भी रहा है।
डेनियल कहता है, मैं कड़ाई से अपना शैडयूल पूरा करता हूं। मैं एक भी रविवार व्यर्थ नहीं जाने देता। कुछ भी हो जाए और कैसा भी क्षण हो, मैं हर हाल में अपनी सप्ताहांत यात्रा को पूरा करता हूं।
जम्मू कश्मीर के वन विभाग के अनुसार बांदीपोरा में करीब 100 प्रमुख झीलें हैं परन्तु शीरसार को मिलाकर सिर्फ एक या दो ही एडवेंचर टूरिज्म के साथ जोड़ पाए हैं।
बात अगर डेनियल की खोज की करें तो उसने बांदीपोरा में छोटा अमरनाथ, बाजारी होई गुफा, सोपोर में येमबरजलवारी गुफा, बडगाम में शेखुल आलम की गुफा और कुपवाड़ा में कालारूस की गुफा को खोजा है। कश्मीर के इब्बन बतूता ने भविष्य के टैकरों के लिए कई रास्ते खोजें हैं। उसके द्वारा खोजे गये रास्तों को रिकार्ड किया गया और जीयो टैग भी किया गया है।
पिछले वर्ष दानिश को पूरी दुनिया मे भारत का इकलौता शख्स करार दिया गया जिसने साइकिल नपर राजदान टाॅप का सफर तय किया। इसके पीछे डेनियल का उददेश्य एडवेंचर टुरिज्म को बढ़ावा देना ही था।