Edited By Monika Jamwal,Updated: 01 Feb, 2019 12:33 PM
पूर्व मुख्यमंत्री और नैशनल कांफ्रेंस (नैकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को राज्य विधानसभा चुनावों में बहुमत के साथ निर्वाचित होने पर नैशनल कांफ्रैंस द्वारा विवादास्पद जन सुरक्षा अधिनियम (पी.एस.ए.) को रद्द करने का वायदा किया।
श्रीनगर : पूर्व मुख्यमंत्री और नैशनल कांफ्रेंस (नैकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को राज्य विधानसभा चुनावों में बहुमत के साथ निर्वाचित होने पर नैशनल कांफ्रैंस द्वारा विवादास्पद जन सुरक्षा अधिनियम (पी.एस.ए.) को रद्द करने का वायदा किया। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिला में नैकां कार्याकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उमर ने उनके पार्टी कार्यकर्ताओं से तालियों के बीच कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं और आपके माध्यम से मैं जम्मू कश्मीर के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि जिस दिन 2019 में ईश्वर ने चाहा नैशनल कांफ्रैंस अपनी सरकार बनाती हैं, कुछ ही दिनों के भीतर मैं पी.एस.ए. को रद्द कर दूंगा। मैं आपको कह रहा हूं कि मैं इसे हमेशा के लिए कागजात से उड़ा दूंगा।
उमर ने कहा कि राज्य में गठबंधन के रुप में कई विकलांग सरकारों को देखा गया। हमने ऐसी विकलांग सरकारें देखी हैं जहां हम किसी की दया पर रहते हैं। दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री थे शिष्टाचार गुलाम नबी आजाद और आजाद मुख्यमंत्री थे जिसके लिए मुफ्ती को धन्यवाद और मैं कांग्रेस समर्थन की वजह से छह सालों तक सत्ता में रहा। जम्मू कश्मीर में एक पार्टी शासन के लिए आगे तर्क देते हुए उमर ने कहा कि इसलिए हम अपने दम पर एक सरकार चाहते हैं ताकि हम कुछ चीजों को सुधारें।
नैकां के उपाध्यक्ष ने कहा कि हम जानते हैं कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्सपा) को केन्द्र के साथ चर्चा किए बिना रद्द नही किया जा सकता और उसके लिए हम केन्द्र के साथ चर्चा करेंगे लेकिन राज्य के कानूनों के बारे में , हम उन्हें रद्द क्यों नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरी युवाओं को पी.एस.ए. के तहत गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और महीनों तक उनके परिजनों को अपने प्रियजनों के लिए पीड़ित होना पड़ता है। सरकारें लोगों के घावों को ठीक करने और उन्हें राहत प्रदान करने के लिए होती है।