IMD प्रमुख ने दी राय, बोले - एक राष्ट्र एक चुनाव की योजना बनाते समय मौसम और जलवायु का भी रखे ध्यान

Edited By Utsav Singh,Updated: 07 Apr, 2024 06:45 PM

imd say s one should also keep in mind the weather and climate

देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से जुड़े सरकार के प्रस्ताव पर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि अधिकारियों को इतनी बड़ी कवायद की योजना बनाते समय निश्चित रूप से मौसम की स्थिति और...

नेशनल डेस्क : देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से जुड़े सरकार के प्रस्ताव पर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि अधिकारियों को इतनी बड़ी कवायद की योजना बनाते समय निश्चित रूप से मौसम की स्थिति और जलवायु को ध्यान में रखना चाहिए। महापात्र ने एक साक्षात्कार में कहा कि आम चुनाव के दौरान भीषण गर्मी के मद्देनजर मौसम विभाग अधिकारियों को बेहतर तैयारी में मदद करने के लिए पूर्वानुमान संबंधी सूचना प्रदान कर रहा है, लेकिन उसने रैलियों और मतदान के समय में बदलाव की सलाह नहीं दी है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' कराने के लिए आदर्श समय के बारे में पूछे जाने पर आईएमडी महानिदेशक ने कहा कि अधिकारियों को योजना बनाते समय मौसम की स्थिति और जलवायु पर विचार करना चाहिए।

सरकारी खजाने पर बोझ घटेगा
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक साथ चुनाव कराने के विचार के संदर्भ में है। सरकार ने यह विचार प्रस्तावित करते हुए कहा है कि इससे हर साल कई बार चुनाव अधिकारियों और सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं करनी पड़ेगी और सरकारी खजाने पर बोझ घटेगा तथा राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार पर किये जाने वाले खर्च में कमी आएगी। इस साल, नौ अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में लोकसभा चुनाव होने के दौरान लगभग एक अरब लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। हालांकि, चुनाव के दौरान भीषण गर्मी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

रैलियों, सभाओं और मतदान के लिए उपयुक्त व्यवस्था
आईएमडी के अनुसार, इस अवधि के दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में ज्यादातर दिन लू चलने का अनुमान है। महापात्र ने कहा कि मतदाताओं और कर्मचारियों के बीच भीषण गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। भीषण गर्मी के पूर्वानुमान के मद्देनजर उन्होंने कहा कि चुनाव के दिनों में रैलियों, सभाओं और मतदान के लिए पानी, शीतलन सुविधाएं और गर्मी से देखभाल के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जानी चाहिए।

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निर्वाचन आयोग ने पहले आईएमडी से परामर्श किया
महापात्र ने कहा, ‘‘लोग कतार में लगते हैं, तो उनके पास पर्याप्त पेयजल होना चाहिए। अगर लोग बेहोश होते हैं या लू की चपेट में आते हैं तो मदद के लिए प्राथमिक चिकित्सा का इंतजाम और स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता होनी चाहिए...छायादार जगह की व्यवस्था होनी चाहिए। तैयारियों के संदर्भ में यह न्यूनतम आवश्यकता है।'' उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले आईएमडी से परामर्श किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने प्रारंभिक चरण में देश के विभिन्न हिस्सों के लिए मार्च, अप्रैल, मई और जून की जलवायु संबंधी जानकारी प्रदान की ताकि वे विवेकपूर्ण निर्णय ले सकें कि उन्हें किस हिस्से में और किस समय चुनाव कराना चाहिए।''

महापात्र ने कहा, ‘‘हम दैनिक, साप्ताहिक, मासिक और मौसमी आधार पर सभी प्रकार के पूर्वानुमान और अलर्ट भी जारी कर रहे हैं।'' मौसम विभाग ने उन क्षेत्रों को चिह्नित किया है जहां सामान्य से अधिक तापमान रहने और लू चलने की संभावना है। मौसम विभाग तापमान, आर्द्रता, हवा की रफ्तार के आधार पर महसूस होने वाली गर्मी के स्तर को लेकर भी पूर्वानुमान जारी कर रहा है जिससे बेहतर तरीके से पता चलेगा कि लोगों को घर से बाहर किस तरह के मौसम का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही रात के दौरान गर्मी के बारे में भी अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।

मौसम के संबंध में हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा
महापात्र ने कहा कि मौसम के संबंध में हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा है और लोगों, जिला प्रशासकों और राज्य-स्तरीय अधिकारियों को जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्तर और राज्य स्तर पर स्वास्थ्य, बिजली, श्रम, कृषि, जल संसाधन और कई अन्य हितधारकों के साथ-साथ निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोगों को नियमित रूप से यह जानकारी प्रदान की जा रही है। महापात्र ने कहा कि यह जानकारी निश्चित रूप से उन्हें चुनाव प्रक्रिया के अनुसार योजना बनाने में मदद करेगी। यह पूछे जाने पर कि चुनाव के दौरान कितनी भीषण गर्मी पड़ेगी, आईएमडी प्रमुख ने कहा कि अप्रैल-जून की अवधि में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है, मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में इसकी काफी संभावना है।

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देश के विभिन्न हिस्सों में  लू चलने की आशंका
महापात्र ने कहा कि अप्रैल में देश के विभिन्न हिस्सों में चार से आठ दिन लू चलने की आशंका है, जबकि सामान्यतः एक से तीन दिन लू वाले दिन होते हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून की पूरी अवधि में सामान्यतः चार से आठ दिन की तुलना में दस से 20 दिन तक लू चलने का अनुमान है। मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, मराठवाड़ा, बिहार और झारखंड में अधिक गर्मी वाले दिन रहने का अनुमान जताया गया है। कुछ स्थानों पर 20 दिन से अधिक लू चल सकती है।

महापात्र ने कहा, ‘‘हमारी प्रारंभिक चेतावनी के आधार पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने एक मार्च के पूर्वानुमान के आधार पर निर्वाचन आयोग को कुछ परामर्श जारी किया है। अब, एक अप्रैल का पूर्वानुमान जारी किया गया है। मुझे उम्मीद है कि निर्वाचन आयोग और एनडीएमए फिर से बैठक करेंगे और उठाए जाने वाले कदमों को अंतिम रूप देंगे।'' महापात्र ने कहा कि मौसम विभाग ने (चुनाव के दौरान रैलियों और मतदान के) समय में बदलाव का कोई सुझाव नहीं दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय संबंधित प्राधिकारों को लेना है। लेकिन एनडीएमए और अन्य की सामान्य सलाह यह है कि शीतलन सामग्री, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए।''

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