2019 में छठे चरण की 58 सीटों में से 1 भी सीट जीत नहीं पाई थी कांग्रेस, हरियाणा और दिल्ली में भाजपा ने विपक्ष का सूपड़ा कर दिया था साफ

Edited By Mahima,Updated: 23 May, 2024 09:33 AM

in 2019 congress could not win even a single seat out of 58 seats

देश में छठे चरण के चुनाव में 25 मई को जिन 58 सीटों पर चुनाव होने जा रहा है, उनमें से 2019 में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

नेशनल डेस्क: देश में छठे चरण के चुनाव में 25 मई को जिन 58 सीटों पर चुनाव होने जा रहा है, उनमें से 2019 में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इनमें से 40 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।  इसके अलावा बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) 4 सीटें जीती थी तो तृणमूल कांग्रेस (टी.एम.सी.) 3, बीजू जनता दल (बीजद) 4, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) 3, लोक जनशक्ति (लोजपा) 1,  ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) 1 और नेशनल कॉन्फ्रेंस भी 1 सीट जीतने में सफल रही थी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) एक सीट जीतने में सफल रही थी। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसे दल अपना खाता तक नहीं खोल सके थे। भाजपा ने हरियाणा और दिल्ली में विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था। भले अब कांग्रेस का इंडिया गठबंधन चुनाव मैदान में हे लेकिन उसे इस चरण के चुनाव में भी जीरो से ही शुरुआत करनी पड़ेगी।

कहां कितनी सीटों पर चुनाव
लोकसभा चुनाव में छठे चरण में जिन 8 राज्यों की सीटों पर चुनाव है, उत्तर प्रदेश की 14, बिहार की 8, हरियाणा की 10, दिल्ली की 7, पश्चिम बंगाल की 8, झारखंड की 4, ओडिशा की 6 और जम्मू-कश्मीर की 1 सीट शामिल है। जम्मू कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में चुनाव होना था, लेकिन अब छठे चरण में वोटिंग है। इन 58 सीटों पर 889 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस तरह से छठे चरण में एक संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संख्या 15 है।

यूपी में भाजपा के पास हैं 9 सीटें
उत्तर प्रदेश में छठे चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीरनगर, लालगंज, जौनपुर, आजमगढ़, मछली शहर और भदोही लोकसभा सीट पर चुनाव है। 2019 में भाजपा 9, बसपा 4 और सपा 1 सीट जीतने में सफल रही थी। पिछले चुनाव में सपा और बसपा मिलकर लड़ी थी, लेकिन इस बार अलग-अलग मैदान में है। भाजपा राजभर-अनुप्रिया-संजय निषाद की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।

बिहार पर भी भाजपा का कब्जा
बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर छठे चरण में चुनाव है, जिसमें वाल्मीकि नगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, महाराजगंज और सिवान सीट शामिल है। 2019 में भाजपा 4, जदयू 3 और 1 सीट लोजपा जीतने में सफल रही थी। राजद और कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी, लेकिन इस बार का मुकाबला काफी अलग है।

बंगाल और ओडिशा में भाजपा को चुनौती  
पश्चिम बंगाल की 8 सीटों तमलुक, कांटी, घाटल, झारग्राम, मेदनीपुर, पुर्लिया, बंकुरा और बिष्णुपुर सीट पर छठे चरण में मतदान होना है।  2019 में इन 8 सीटों में से भाजपा 5 सीटें जीतने में कामयाब रही थी जबकि टी.एम.सी. तीन सीटें जीती थी। इसके अलावा ओडिशा की जिन 6 लोकसभा सीट पर चुनाव है, उसमें संबलपुर, केनझोर, ढेनकनाल, कटक, पुरी और भूनेश्वर लोकसभा सीट शामिल हैं। 2019 में भाजपा दो सीटें जीतने में सफल रही थी तो 4 सीटें बीजद को मिली थी। इस बार के चुनाव में पश्चिम बंगाल और ओडिशा दोनों ही जगह पर भाजपा को सीटों को बरकरार रखने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

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