Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 Apr, 2025 07:30 PM
साल 1947 का भारत-पाकिस्तान बंटवारा इतिहास का सबसे दर्दनाक अध्याय था। इस विभाजन ने सिर्फ सरहदें नहीं खींचीं, बल्कि करोड़ों लोगों की किस्मत बदल दी। लाखों परिवार उजड़ गए, धर्म के आधार पर मुल्क बंट गए और तब से अब तक दक्षिण एशिया की सामाजिक और धार्मिक...
नेशनल डेस्क: साल 1947 का भारत-पाकिस्तान बंटवारा इतिहास का सबसे दर्दनाक अध्याय था। इस विभाजन ने सिर्फ सरहदें नहीं खींचीं, बल्कि करोड़ों लोगों की किस्मत बदल दी। लाखों परिवार उजड़ गए, धर्म के आधार पर मुल्क बंट गए और तब से अब तक दक्षिण एशिया की सामाजिक और धार्मिक तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक देश होते, तो मुस्लिम आबादी के लिहाज़ से यह दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश होता?
तीनों देशों में मुस्लिम आबादी की स्थिति
भारत में मुस्लिम समुदाय एक अल्पसंख्यक होने के बावजूद संख्या के हिसाब से यहां सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं।
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भारत में लगभग 19.48 करोड़ मुसलमान
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पाकिस्तान में 18.40 करोड़
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बांग्लादेश में 14.40 करोड़
यानी तीनों देशों की कुल मुस्लिम आबादी 2015 में करीब 52.28 करोड़ थी।
अगर बंटवारा न हुआ होता...?
अगर भारत का बंटवारा न होता और ये तीनों देश आज भी एक होते, तो यहां मुसलमानों की आबादी दुनिया में सबसे ज्यादा होती।
प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार,
- 2060 तक यह आबादी बढ़कर करीब 80 करोड़ हो जाती।
-आज के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया को भी पीछे छोड़ दिया जाता।
2060 तक क्या होगा?
प्यू रिसर्च के अनुसार, आने वाले 35 वर्षों में मुस्लिम आबादी में सबसे तेज़ वृद्धि भारत में होगी।
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भारत: 33.30 करोड़
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पाकिस्तान: 28.36 करोड़
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बांग्लादेश: 18.18 करोड़
यदि तीनों देश एक होते, तो 2060 तक कुल मुस्लिम आबादी होती लगभग 79.85 करोड़।
प्रतिशत के हिसाब से
बंटवारे ने सिर्फ सीमाएं नहीं बदलीं, बल्कि जनसंख्या की बनावट, सामाजिक ढांचे और धार्मिक समीकरण को भी पूरी तरह बदल दिया। अगर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश आज भी एक होते, तो दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश हिंदुस्तान ही होता — और शायद पूरी दुनिया की राजनीति का केंद्र भी!