Edited By ,Updated: 15 Feb, 2017 05:04 PM
भारत के अंतरिक्ष मिशन के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन रहा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज एक साथ 104 उपग्रहों को लॉन्च किया।
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारत के अंतरिक्ष मिशन के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन रहा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज एक साथ 104 उपग्रहों को लॉन्च किया। पीएसएलवी-सी37 का सफल प्रक्षेपण यहां स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण पटल से सुबह 9.28 बजे हुआ। 104 उपग्रहों को लॉन्च करने के साथ ही भारत इस तरह के मिशन को सफल बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। जहां एक तरफ इसरो ने इतने ज्यादा सैटेलाइट एक साथ छोड़ने का यह रिकॉर्ड बनाया वहीं भारत को इसरो 100 करोड़ का फायदा भी पहुंचाएगा।
ये होगा फायदा
सैटेलाइट के प्रक्षेपण के साथ ही इसरो ने रूस का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। रूस के नाम 37 सैटेलाइट एक साथ छोड़ने का रिकॉर्ड है।
-ये सारा काम इसरो के कमर्शियल विंग 'अंतरिक्ष कॉरपोरेशन' संचालित किया, इस सफलता के साथ ही अब इन्हें और प्रोजेक्ट मिलने की उम्मीद है।
- पीएसएलवी से लॉन्च का खर्च 100 करोड़ रुपए है। वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष कॉरपोरशन ने इन सैटेलाइट्स के लिए 200 करोड़ रुपए की डील की है यानी उसे करीब 100 करोड़ रुपए की बचत हुई।
-सैटेलाइट्स की कमर्शियल लॉन्चिंग में इसरो की पहचान और मजबूत हुई।
- विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस लॉन्च के सफल होने के बाद दुनिया भर में छोटी सैटेलाइट लॉन्च कराने के मामले में इसरो पहली पसंद बन जाएगा, जिससे देश को आर्थिक तौर पर फायदा होगा।
-विदेशी सैटेलाइट इतनी कम कीमत में लॉन्च करने के कारण अमेरिकी प्राइवेट लॉन्च इंडसट्री के लिए इसरो सीधा प्रतिद्वंदी बन गया है।
बता दें कि मिशन में मुख्य उपग्रह 714 किलोग्राम वजन वाला कार्टोसैट-2 सीरीज उपग्रह था जो इसी सीरीज के पहले प्रक्षेपित अन्य उपग्रहों के समान है। इसके अलावा इसरो के दो तथा 101 विदेशी अति सूक्ष्म (नैनो) उपग्रहों का भी प्रक्षेपण किया गया जिनका कुल वजन 664 किलोग्राम है। विदेशी उपग्रहों में 96 अमेरिका के तथा इजरायल, कजाखिस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक उपग्रह शामिल हैं।