Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Feb, 2023 12:53 PM
भारतीय वायुसेना में पहली महिला लड़ाकू पायलट बनकर इतिहास रचने के महज कुछ ही सप्ताह बाद विदेश में हवाई युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने वाली स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी का कहना है कि लड़ाकू विमान को उड़ाना बेहद रोमांचक है
नेशनल डेस्क: भारतीय वायुसेना में पहली महिला लड़ाकू पायलट बनकर इतिहास रचने के महज कुछ ही सप्ताह बाद विदेश में हवाई युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने वाली स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी का कहना है कि लड़ाकू विमान को उड़ाना बेहद रोमांचक है और वायुसेना में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए सफलता की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
SU-30 MKI की पायलट अवनी जापान के हयाकुरी वायुसेना अड्डा पर जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (JASDF) के साथ 12 से 26 जनवरी तक आयोजित 16 दिवसीय युद्धाभ्यास में शामिल होने वाले भारतीय वायुसेना (IAF) के बेड़े का हिस्सा थीं। उन्होंने बातचीत में कहा कि हवाई अभ्यास में हिस्सा लेना हमेशा से शानदार अनुभव रहा है। इस बार यह और भी खास था, क्योंकि पहली बार मैं किसी अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में शामिल हुई थी। यह मेरे लिए सीखने का एक बड़ा अवसर और एक अद्भुत अनुभव था।''
‘‘वीर गार्डियन-2023'' IAF और JASDF के बीच पहला ऐसा युद्धाभ्यास था, जो हवाई युद्ध की क्षमता विकसित करने, विमानों को रोकने की कला सीखने और वायु रक्षा अभियानों को अंजाम देने पर केंद्रित था। अवनी ने कहा कि मैं सभी युवाओं से कहना चाहती हूं कि आपके लिए सफलता की अपार संभावनाएं हैं। IAF एक शानदार करियर विकल्प है और लड़ाकू विमानों को उड़ाना वाकई में बेहद रोमांचक है।'' जब अवनी से पूछा गया कि उनके लिए लड़ाकू पायलट बनने का रास्ता कितना कठिन था, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं IAF में करियर बनाने के इच्छुक सभी उम्मीदवारों से कहना चाहूंगी कि आपको अपनी आंखें लक्ष्य पर टिकाकर रखनी चाहिए और दृढ़ संकल्प के साथ उस पर आगे बढ़ना चाहिए।''
कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर चुकीं अवनी उन पहली तीन महिला लड़ाकू पायलट में से एक हैं, जिन्हें जून 2016 में IAF में शामिल किया गया था। अन्य दो पायलट भावना कंठ और मोहना सिंह हैं। अवनी ने कहा, ‘‘इस युद्धाभ्यास ने हमें एक-दूसरे से सीखने का बेहतर अवसर दिया है। प्रयास यह है कि हम एक-दूसरे के कार्य दर्शन, योजना निर्माण प्रक्रिया या सामान्य तौर पर किसी अच्छे चलन को समझें। यह सीखने की एक बेहतरीन आपसी कवायद है।'' अधिकारियों के अनुसार, भारतीय वायुसेना की महिला लड़ाकू पायलट देश के भीतर कई हवाई अभ्यासों में हिस्सा ले चुकी हैं, लेकिन यह पहली बार था, जब उनमें से एक (अवनी) को विदेश में युद्धाभ्यास में शामिल होने का मौका मिला।