भारत एक हिंदू राष्ट्र है और इससे समझौता नहीं किया जा सकताः मोहन भागवत

Edited By Yaspal,Updated: 02 Oct, 2019 12:10 AM

india is a hindu nation and it cannot be compromised mohan bhagwat

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि संघ किसी भी विचारधारा में नहीं बांधा जा सकता है। संघ किसी भी विचार में विश्वास नहीं करता है और उसे किसी भी पुस्तक से दर्शाया जा सकता है, “जिसमें संघ के दूसरे प्रमुख एम एस

नेशनल डेस्कः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि संघ किसी भी विचारधारा में नहीं बांधा जा सकता है। संघ किसी भी विचार में विश्वास नहीं करता है और उसे किसी भी पुस्तक से दर्शाया जा सकता है, “जिसमें संघ के दूसरे प्रमुख एम एस गोलवकर की किताब भी शामिल है। उन्होंने कहा, संघ का मूल्य यह है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।“

भागवत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के प्रमुख सुनील अंबेडकर की नई किताब के विमान के मौके पर यह बात कही। मोहन भागवत ने कहा, 'संघ की विचारधारा के रूप में कुछ भी कहना या वर्णन करना गलत है। संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने कभी नहीं कहा कि वे संघ को पूरी तरह से समझ सकते हैं। इतने लंबे समय तक सरसंघचालक होने के बावजूद गुरु जी ने कहा कि मैं शायद संघ को समझने लगा हूं।

संघ प्रमुख ने पुस्तक के विमोचन के दौरान एक सांस में हनुमान, शिवाजी और आरएसएस संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार का नाम लिया। भागवत ने अपने संबोधन में आरएसएस को उदारवादी चेहरे के रूप में पेश करते हुए संघ के भीतर असंतोष पनपने के महत्व पर जोर दिया।

एबीवीपी के प्रमुख सुनील अम्बेकर की नई किताब के विमोचन के मौके पर उन्होंने कहा, "हमारे यहां मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नहीं।" उन्होंने कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है कि आरएसएस से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति का किसी खास मुद्दे पर संघ के समान ही विचार हो. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मोहन भागवत ने यहां तक कहा कि बीजेपी के साथ मतभेद होना आम बात है। लेकिन आरएसएस बहस में नहीं, बल्कि सहमति तक पहुंचने में विश्वास करता है।
 

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