अमरीका ने NSG के लिए की भारत की वकालत, चीन को बताया रोड़ा

Edited By Tanuja,Updated: 13 Sep, 2018 07:28 PM

india meets all qualifications to be member of nsg us

अमरीका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन के वीटो के कारण भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता हासिल नहीं कर पाया, जबकि भारत के पास एनएसजी का सदस्य बनने की सभी योग्यताएं हैं...

वॉशिंगटनः अमरीका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन के वीटो के कारण भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता हासिल नहीं कर पाया, जबकि भारत के पास एनएसजी का सदस्य बनने की सभी योग्यताएं हैं। ट्रंप प्रशासन ने साफ कहा कि अमरीका इस समूह में भारत की सदस्यता की वकालत करता रहेगा, क्योंकि भारत इसके सभी मानदंडों को पूरा करता है। 

बता दें कि भारत 48 सदस्यीय इस विशिष्ट परमाणु समूह में स्थान पाना चाहता है, लेकिन चीन लगातार उसकी राह में रोड़े अटकाता रहा है। यह समूह परमाणु व्यापार को नियंत्रित करता है। भारत को अमेरिका और इस समूह के ज्यादातर पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन चीन अपने इस रुख पर कायम है कि नए सदस्य को परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने चाहिए, जिससे इस समूह में भारत का प्रवेश मुश्किल हो गया है। भारत ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है। 

खास बात यह है कि आपसी सहमति से ही इस समूह में किसी सदस्य को शामिल करने का प्रावधान है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए उप विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने कहा, "परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह आम सहमति पर आधारित संगठन है। चीन के विरोध के कारण भारत इसकी सदस्यता हासिल नहीं कर पा रहा है।" एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "हमारा विचार है कि चीन के वीटो के कारण हम भारत के साथ अपने सहयोग को सीमित नहीं करेंगे। निश्चित तौर पर हम एसटीए के दर्जे के साथ आगे बढ़े हैं और हम मानते हैं कि भारत एनएसजी की सभी योग्यताओं को पूरा करता है तथा हम भारत की सदस्यता की सक्रियता से वकालत करते रहेंगे।" 

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