Edited By Parminder Kaur,Updated: 07 Apr, 2024 11:59 AM
1 अप्रैल को दो भारतीय राज्यों में बड़े निर्माण स्थलों पर खुदाई करने वालों ने सेमीकंडक्टर कारखानों की एक जोड़ी पर ज़मीन खोदी। गुजरात में 11 अरब डॉलर की लागत वाला संयंत्र 20,000 लोगों को रोजगार देगा और एक महीने में 50,000 सिलिकॉन वेफर्स का उत्पादन...
इंटरनेशनल डेस्क. 1 अप्रैल को दो भारतीय राज्यों में बड़े निर्माण स्थलों पर खुदाई करने वालों ने सेमीकंडक्टर कारखानों की एक जोड़ी पर ज़मीन खोदी। गुजरात में 11 अरब डॉलर की लागत वाला संयंत्र 20,000 लोगों को रोजगार देगा और एक महीने में 50,000 सिलिकॉन वेफर्स का उत्पादन करेगा। असम में 3 बिलियन डॉलर की सुविधा में 27,000 कर्मचारी चिप्स को प्रसंस्करण इकाइयों में पैकेज करेंगे।
दोनों परियोजनाओं का मास्टरमाइंड भारत के सबसे बड़े समूह टाटा समूह द्वारा किया गया है। गुजरात में इसने ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर काम किया है। असम में टाटा अकेले ही आगे बढ़ रहा है। यह सब एक बड़ी शर्त है कि भारत सरकार का देश को उच्च तकनीक विनिर्माण पावरहाउस में बदलने का सपना साकार होगा और यह टाटा और उसके अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन की वर्षों के पुनर्गठन से मजबूती से विकास मोड में वापस आने की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। श्री चन्द्रशेखरन कहते हैं, ''हमारे पास खेलने के लिए एक बड़ा दृष्टिकोण है।''