Edited By shukdev,Updated: 03 Sep, 2019 08:35 PM
भारत ने एड्स, टीबी और मलेरिया के उन्मूलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत वैश्विक एड्स, ट्यूबरकुलोसिस और मलेरिया कोष (जीएफटीएएम) के लिए 2.2 करोड़ डॉलर के योगदान की घोषणा की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने मंगलवार को यह बात कही। भारत दान...
नई दिल्ली: भारत ने एड्स, टीबी और मलेरिया के उन्मूलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत वैश्विक एड्स, ट्यूबरकुलोसिस और मलेरिया कोष (जीएफटीएएम) के लिए 2.2 करोड़ डॉलर के योगदान की घोषणा की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने मंगलवार को यह बात कही। भारत दान प्राप्तकर्ता और दानदाता के रूप में 2002 से ही इस कोष से जुड़ा है। हर्षवर्द्धन ने कहा,‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृरदृष्टि और उनके नेतृत्व में भारत ने 2020-22 के छठे चक्र के लिए वैश्विक एड्स, ट्यूबरकुलोसिस और मलेरिया कोष (जीएफटीएएम) के लिए 2.2 करोड़ डॉलर के योगदान की घोषणा की है जो चौथे चक्र में हमारे योगदान से दस फीसद अधिक है।'
उन्होंने कहा कि भारत इस वैश्विक कोष के साथ अपनी दीर्घकालिक साझेदारी तथा एड्स, टीबी एवं मलेरिया के उन्मूलन के प्रति अपनी कटिबद्धता पर अडिग है। उन्होंने कहा, ‘इस वैश्विक कोष के प्रति भारत का संकल्प सार्वभौमिक स्वास्थ्य हासिल करने तथा इन तीन महामारियों से लड़ने के लिए सीमापार काम करने और हाथ बंटाने की उसकी समान दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'