मालदीव से चीन को भगाने की तैयारी में भारत, करेगा 50 करोड़ डॉलर का निवेश

Edited By Yaspal,Updated: 13 Aug, 2020 09:02 PM

india will invest 500 million to prepare china to flee maldives

भारत, मालदीव में महत्वपूर्ण सम्पर्क परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 40 करोड़ डॉलर की कर्ज सुविधा और 10 करोड़ डॉलर का अनुदान देगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को मालदीव के अपने समकक्ष अब्दुल्ला शाहिद से विविध विषयों पर व्यापक चर्चा के...

नई दिल्लीः भारत, मालदीव में महत्वपूर्ण सम्पर्क परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 40 करोड़ डॉलर की कर्ज सुविधा और 10 करोड़ डॉलर का अनुदान देगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को मालदीव के अपने समकक्ष अब्दुल्ला शाहिद से विविध विषयों पर व्यापक चर्चा के बाद यह बात कही। अधिकारियों ने बताया कि 6.7 किलोमीटर की ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना (जीएमसीपी) मालदीव में सबसे बड़ी नागरिक आधारभूत परियोजना होगी जो माले को तीन पड़ोसी द्वीपों - विलिंगिली, गुल्हीफाहू और थिलाफूसी से जोड़ेगी। जीएमसीपी की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि यह सत्तारूढ़ एमडीपी पार्टी का प्रमुख चुनावी वादा था जिसके लिये मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने पिछले वर्ष सितंबर में जयशंकर से बैठक के दौरान भारत की सहायता मांगी थी।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना के क्रियान्वयन करने के लिए वित्त पोषण करेगा जो 40 करोड़ डॉलर की कर्ज सुविधा और 10 करोड़ डॉलर के अनुदान के जरिये होगा। यह 6.7 किलोमीटर की पुल परियोजना है जो माले को गुल्हीफाहू बंदरगाह और थिलाफूसी औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ेगा। इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी और बदलाव आएगा। '' उन्होंने भारत और मालदीव के बीच नियमित कार्गो सेवा शुरू करने की भी घोषणा की ताकि दोनों देशों के बीच कारोबार और वाणिज्य को गति प्रदान की जा सके।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हम मालदीव के साथ एयर बबल (हवाई यात्रा) शुरू कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ावा मिल सके। '' जीएमसीपी परियोजना में एक पुल और 6.7 किलोमीटर लंबे सम्पर्क मार्ग का निर्माण शामिल है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ एक बार यह परियोजना पूरी होने पर चार द्वीपों में सम्पर्क सुगम हो सकेगा और इससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी, रोजगार सृजित होगा तथा माले क्षेत्र में सम्र्पू शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।'' भारत गुल्हीफाहू में बंदरगाह के निर्माण के लिये भी वित्तीय मदद प्रदान कर रहा है। फेरी सेवा को रेखांकित करते हुए जयशंकर ने इससे द्विपक्षीय कारोबार एवं सम्पर्क को बढ़ावा मिलने एवं दोनों देशों के बीच आर्थिक गठजोड़ मजबूत होने की बात कही। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कोर्गो फेरी सेवा से समुद्री सम्पर्क को बढ़ावा मिलेगा। इससे परिचालन लागत कम होगी और कारोबारियों का समय बचेगा।

एयर बबल सेवा के सृजन का जिक्र करते हुए मंत्रालय ने कहा कि मालदीव पहला पड़ोसी देश होगा जिसके साथ एयर बबल सेवा शुरू होने जा रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि एयर बबल सेवा मालदीव में पर्यटकों के आगमन एवं राजस्व सृजन को भारत के समर्थन का प्रतीक है। इसमें दोनों देशों के स्वास्थ्य मानकों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। बातचीत के दौरान जयशंकर ने वर्ष 2020-21 में मालदीव को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के कोटे के नवीनीकरण के भारत के निर्णय की जानकारी दी। इसमें आलू प्याज, गेहूं, चीनी, दाल, अंडा आदि शामिल है।

 

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