नौकरी जाने का सता रहा डर- हर 4 में से 1 भारतीय कर्मचारी को लगता है लिस्ट में उनका नाम, ऐसे हुआ खुलासा

Edited By Anil dev,Updated: 25 Jan, 2023 03:34 PM

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प्रत्येक चार भारतीयों में से एक को (25 प्रतिशत) नौकरी जाने की आशंका है जबकि चार में तीन (75 प्रतिशत) बढ़ती महंगाई को लेकर चिंतित हैं। इसके बावजूद करीब आधे लोगों का मानना है कि 2023 में देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।

नेशनल डेस्क: प्रत्येक चार भारतीयों में से एक को (25 प्रतिशत) नौकरी जाने की आशंका है जबकि चार में तीन (75 प्रतिशत) बढ़ती महंगाई को लेकर चिंतित हैं। इसके बावजूद करीब आधे लोगों का मानना है कि 2023 में देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। विपणन आंकड़ा एवं विश्लेषण कंपनी कांतार के सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला गया है। ‘भारत आम बजट सर्वे' के दूसरे संस्करण में कांतार ने पाया कि उपभोक्ता आयकर के संबंध में नीतिगत परिवर्तनों की घोषणा की अपेक्षा कर रहे हैं जिसमें मौजूदा 2.5 लाख रुपये की बुनियादी आयकर छूट की सीमा सबसे आम उम्मीद है। कांतार ने कहा, ‘‘व्यापक आर्थिक स्तर पर, ज्यादातर लोगों की सोच सकारात्मक है। 50 प्रतिशत का मानना है कि 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ेगी, 31 फीसदी को लगता है कि इसकी रफ्तार कम हो जाएगी। 

54 प्रतिशत के साथ छोटे शहरों में धारणा महानगरों की तुलना में अधिक सकारात्मक है।'' हालांकि, इसमें कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक मंदी और कोविड-19 का प्रकोप फिर शुरू होने की आशंका भारतीयों को सता रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘चार में से तीन लोगों को बढ़ती मुद्रास्फीति की चिंता है और वे चाहते हैं कि इससे निपटने के लिए सरकार निर्णयात्मक कदम उठाए।'' सर्वे में कहा गया है, ‘‘चार में से तीन भारतीयों को नौकरी जाने का डर है। यह समृद्ध वर्ग में (32 प्रतिशत), 36-55 वर्ष के आयुवर्ग में (30 प्रतिशत) और वेतनभोगी वर्ग (30 प्रतिशत) में अपेक्षाकृत अधिक है।'' आगामी बजट से क्या अपेक्षाएं हैं, इस संबंध में सर्वे में पाया गया कि उपभोक्ता आयकर को लेकर नीतिगत बदलावों की घोषणा की उम्मीद कर रहे हैं। 

इसमें कहा गया, ‘‘बुनियादी आयकर छूट सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाने की सबसे ज्यादा उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, उपभोक्ता चाहते हैं कि 30 प्रतिशत की उच्चतम कर दर (मौजूदा 10 लाख रुपये से) की सीमा बढ़ाई जाए। पहली मांग वेतनभोगी वर्ग में सबसे ज्यादा 42 प्रतिशत है जबकि बाद वाली अपेक्षा व्यवसायियों/स्व-रोजगार वर्ग (37 फीसदी) और 36-55 वर्ष आयुवर्ग (42 प्रतिशत) में अधिक है।'' यह सर्वेक्षण 12 भारतीय शहरों (मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, इंदौर, पटना, जयपुर और लखनऊ) में 21-55 वर्ष आयुवर्ग के लेागों के बीच 15 दिसंबर, 2022 से 15 जनवरी, 2023 के बीच किया गया। कांतार के कार्यकारी प्रबंध निदेशक (दक्षिण एशिया-इनसाइट प्रभाग) दीपेंद्र राणा ने कहा, ‘‘भारतीयों की सोच 2023 में देश के व्यापक आर्थिक प्रदर्शन को लेकर मोटे तौर पर सकारात्मक है। भारत की वृद्धि में उन्हें भरोसा है।'' 

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