Edited By vasudha,Updated: 10 Jan, 2020 04:07 PM
भारत में इंटरनेट शटडाउन अब एक आम बात हो गई है। कहीं भी दंगा हो या कोई विरोध प्रदर्शन हो तुरंत इन्टरनेट सेवाएं बंद कर दी जाती है। किसी भी तनावग्रस्त इलाके में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए सबसे पहला काम होता है इंटरनेट कनेक्शन को शटडाउन कर दिया...
बिजनेस डेस्क: भारत में इंटरनेट शटडाउन अब एक आम बात हो गई है। कहीं भी दंगा हो या कोई विरोध प्रदर्शन हो तुरंत इन्टरनेट सेवाएं बंद कर दी जाती है। किसी भी तनावग्रस्त इलाके में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए सबसे पहला काम होता है इंटरनेट कनेक्शन को शटडाउन करना। हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था को इस कारण काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि साल 2019 में देशभर में करीब 4,196 घंटें इंटरनेट बंद रहा, जिसके चलते देश को करीब 9,245 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। यानि कि देश को प्रतिघंटे करीब 2.5 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा।
इंटरनेट सर्च फर्म टॉप 10 वीपीएन (Top10 VPN) की ग्लोबल कॉस्ट ऑफ इंटरनेट स्टडॉउन की रिपोर्ट के मुताबिक इराक और सूडान के बाद भारत दुनिया में इंटरनेट बंदी से आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया है। वैश्विक स्तर पर इंटरनेट बंद होने से साल 2019 में 8.05 बिलियन डॉलर (5,72,69 करोड़ रुपए) का नुकसान उठाना पड़ा है। यह साल 2015-16 के मुकाबले 235 फीसदी ज्यादा है। रिपोर्ट की मानें तो भारत दूसरे देशों के मुकाबले अक्सर इंटरनेट पर ज्यादा प्रतिबंध लगाता दिख रहा है। साल 2019 में 106 बार ऐसा किया गया है। यहां तक कि कई शहरों में कानून-व्यवस्था की बहाली के लिए घंटों तक इंटरनेट बंद कर दिया जाता है।
इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में पिछले 5 वर्षों में तकरीबन 16 हजार घंटों तक के लिए इंटरनेट शटडाउन रहा है। इससे करीब 3.04 बिलियन डॉलर यानी करीब 21,584 करोड़ का नुकसान हुआ है। 5 अगस्त से सिर्फ कश्मीर को इंटरनेट शटडाउन की वजह से 100 बिलियन यानी करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। कश्मीर में सिर्फ टेलीकॉम्यूनिकेशन कंपनियों को हर दिन 4 से 5 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया है कि राज्य सरकार को इंटरनेट पर पाबंदी, धारा 144, ट्रैवल पर रोक से जुड़े सभी आदेशों को पब्लिश करना होगा।
2012 से 2019 तक इंटरनेट बंद किए जाने वाले टॉप 5 राज्यों में जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, यूपी, हरियाणा, बिहार और गुजरात शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में 180 बार, राजस्थान में 67 बार, यूपी में 20 बार, हरियाणा में 13 बार, बिहार में 11 बार और गुजरात में 11 बार इंटरनेट बंद हुआ। वहीं, 2012 से 2019 के बीच देश भर में कुल 367 बार इंटरनेट सस्पेंड हुआ है। इंटरनेट बंद किए जाने से सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान गुजरात को हुआ है। साल 2012 से 2017 के आंकड़ों के अनुसार राज्य को 1177.5 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।