कोरोना का कोहरामः UK में भारतीय भगवान भरोसे, इटली के अखबारों में छपे 10-10 पेज के शोक संदेश

Edited By Tanuja,Updated: 17 Mar, 2020 12:49 PM

italy 349 people died due to corona in one day

पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस से होने वाली मौतों के सदमे को झेल रही है। इस खतरनाक वायरस ने दुनिया भर में अब तक 7000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है..

इंटरनेशनल डेस्कः पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस से होने वाली मौतों के सदमे को झेल रही है। इस खतरनाक वायरस ने दुनिया भर में अब तक 7000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। मौत का यह तांडव कितना भयावह है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इटली के अखबारों के पन्ने देश में कोरोना से होने वाली मौतों के लिए शोक-संदेशों से अटे पड़े हैं। उधर ब्रिटेन में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ब्रिटेन में फंसे भारतीयों को अब अपने देश की याद सता रही है। इटली में सोमवार को कोरोना ने 349 लोगों की जान ली। इससे इस यूरोपीय देश में मौत का आंकड़ा 2,158 पहुंच गया। रविवार को भी वहां 368 मौतें हुई थीं। बीते गुरुवार से तुलना करें तो पांच दिन में ही इस देश में मौतों का आंकड़ा दोगुना हो गया है। हालात ऐसे हैं कि वहां के प्रमुख अखबारों में 10-10 पेज तक शोक संदेश छप रहे हैं।


चीन के बाद सबसे ज्यादा केस इटली में
चीन के बाद इटली में COVID19 के सबसे ज्यादा मामले देखे गए हैं। अधिकारियों ने देश में लॉकडाउन का आदेश दे दिया है। साथ ही सारे गैर-जरूरी बिजनस बंद रखे जा रहे हैं। कोशिश है कि वायरस को और ज्यादा जिंदगियां लीलने से पहले रोका जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक इटली में कोराना से पीड़ित 27,980 में से 2,749 मरीज ठीक भी हो चुके हैं लेकिन यकीनन खतरा अभी टला नहीं है।

 

'ब्रिटेन में वायरस को रोकने के लिए नहीं किया जा रहा कुछ'
उधर ब्रिटेन में हजारों की संख्या में ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) को भारत की अपनी ट्रिप्स कैंसल करनी पड़ गई हैं। कोरोना वायरस के चलते भारत सरकार ने उनके आने पर बैन लगा दिया है और उन्हें डर है कि जरूरत के समय में भी वे भारत नहीं आ सकेंगे। दर्जनों ने शुक्रवार को बैन से ठीक पहले फ्लाइट पकड़कर वापास आना शुरू कर दिया। लंदन के किंग्स कॉलेज की स्टूडेंट तारा सहगल को लग रहा था कि यूके में हालात बिगड़ने वाले हैं। इसलिए उन्होंने ऐन मौके पर दिल्ली की फ्लाइट पकड़ ली। उनका कहना है कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस को रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है और इटली के बाद अब यूके का अगला नंबर है। तारा का कहना है, 'यह ठीक नहीं है क्योंकि OCI भी उतने ही भारतीय हैं जितना कोई और। अगर यह एक महामारी है तो हमें घर जाना है।'

 

'UK में सब भगवान भरोसे' वापस आने वालों में वहां के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे और भारत में बिजनस करने वाले लोग भी हैं। राजस्थान असोसिएशन यूके के हरेंद्र जोढा का कहना है कि कम से कम भारत सरकार वायरस को फैलने से तो रोक रही है। यूके ने सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ रखा है। उन्होंने बताया है, 'जो लोग वापस गए हैं उन्हें लगता है कि उन्हें भारत में बेहतर और सस्ता इलाज मिल सकता है और वहां उनके परिवार हैं। यहां लोगों के टेस्ट भी नहीं कराए जा रहे हैं। भारत में एयरफोर्स मोबाइल लैब लेकर ईरान तक चली गई और लोगों के टेस्ट किए।'

 

'दुनिया से लें मदद'
जोढा ने बताया कि यूके में नैशनल हेल्थ सर्विस का नंबर तक लगना मुश्किल है। उनका कहना है, 'यूके को अपना अहं छोड़कर दुनिया से मदद लेनी चाहिए। दूसरे देश टेस्टिंग किट भेज रहे हैं। यह इंसानियत की बात है। OCI कार्ड वाले लोगों को लगता है कि वे भारत के नागरिक हैं। यह पहली बार है जब उन्हें भारतीय नागरिक से अलग महसूस हो रहा है लेकिन उन्हें सरकार की बात समझ में आ रही है।'

 

'नहीं चाहते चीन या इटली बने भारत'
रीच इंडिया की नंदिनी सिंह ने बताया कि OCI कार्डहोल्डर्स ने भारत की ट्रिप कैंसल किए जाने के फैसले को स्वीकार कर लिया है क्योंकि वे नहीं चाहते कि भारत चीन या इटली बने। नंदिनी ने कहा, 'हमें यह नहीं समझ में आ रहा है कि ब्रिटेन बुरी तरह प्रभावित इलाकों से अपनी फ्लाइट्स क्यों नहीं बैन कर रहा है और हीथ्रो पर पैसंजर्स को स्क्रीन भी नहीं कर रहा है।'

 

 

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