Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Jun, 2022 11:34 AM
कांग्रेस ने ‘नेशनल हेराल्ड'' समाचार पत्र से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पांचवें दिन होने वाली पूछताछ से पहले मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा
नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने ‘नेशनल हेराल्ड' समाचार पत्र से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पांचवें दिन होने वाली पूछताछ से पहले मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह पूछताछ सिर्फ उसके पूर्व अध्यक्ष को नीचा दिखाने के लिए की जा रही है क्योंकि इस पूरी प्रक्रिया में कुछ भी संवैधानिक और कानूनी नहीं है। मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार ने उसके मुख्यालय के सामने रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘जहां दंगे करवाते हैं वहां तो रैपिड एक्शन फ़ोर्स समय पर नहीं पहुंचाई जाती। परंतु नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के सामने नीले रंग की वर्दी पहने जवानों की रैपिड एक्शन फोर्स आज सुबह से मौजूद है। इसको कहते है अमितशाही!'' कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी के नेतृत्व से भाजपा की हालत हो गई है पतली, इसीलिए भाजपा ने बनाया है ईडी को अपनी कठपुतली...पांच दिनों की पूछताछ संवैधानिक और कानूनी नहीं है, बल्कि निजी भय है। राहुल गांधी इस सरकार को वर्षों से आईना दिखा रहे हैं, इसलिए यह सब हो रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग का है तो धन का हस्तांतरण कहां हुआ? स्पष्ट है कि यह द्वेष की भावना से बनाया गया मनगढ़ंत मामला है।''
सिंघवी ने दावा किया, ‘‘बार-बार पूछताछ के लिए बुलाने और अपमानित करने का मकसद सिर्फ नीचा दिखाने का प्रयास है। इससे भाजपा के समर्थक भी शर्मिंदा हैं। अगर आप सोचते हैं कि राहुल गांधी और कांग्रेस इससे दब जाएंगे तो आप मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं।'' कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मंगलवार को भी ED की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय आज फिर से राहुल गांधी से पूछताछ करेगा। उसने सोमवार को करीब 12 घंटे तक उनसे पूछताछ की।
पिछले सप्ताह सोमवार, मंगलवार और बुधवार को लगातार तीन दिन ईडी के अधिकारियों ने 52 वर्षीय राहुल गांधी से 30 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी, जिस दौरान धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान दर्ज किये गए थे। ईडी ने सोनिया गांधी को इसी मामले में 23 जून को तलब किया है।