यूएई में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर, यूक्रेन संकट के बावजूद भारत हासिल करेगा तेज आर्थिक विकास दर

Edited By Yaspal,Updated: 11 Sep, 2022 05:11 PM

jaishankar said india will achieve fast economic growth despite ukraine crisis

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उम्मीद जताई है कि यूक्रेन संकट से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत कम से कम सात प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर के साथ इस वर्ष दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी

इंटरनेशनल डेस्कः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उम्मीद जताई है कि यूक्रेन संकट से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत कम से कम सात प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर के साथ इस वर्ष दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने और उच्च आय वाले देश के रूप में उभरने के लिए ठोस प्रयास किए हैं। जयशंकर सऊदी अरब के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर शनिवार को यहां पहुंचे। विदेश मंत्री के रूप में यह सऊदी अरब की उनकी पहली यात्रा है।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ भारतीय समुदाय से बातचीत के साथ सऊदी अरब की अपनी यात्रा शुरू की। राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करने में हमारे प्रवासियों के योगदान की सराहना की। उनसे हमारे देश के संकट से उबरने, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के समय, और भारत में मौजूदा राष्ट्रीय परिवर्तन के बारे में बात की।'' शनिवार को यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत उन तरीकों के बारे में सोचता है जिनसे वह अपनी क्रेडिट, बैंकिंग, शिक्षा और श्रम नीति को बदल सकता है।'' उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने और उच्च आय वाले देश बनने की दिशा में ठोस प्रयास किए हैं।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे वित्तीय संसाधनों के लिए बेहद दूरदर्शी, विवेकपूर्ण प्रबंधन की आवश्यकता है।'' जयशंकर ने कहा, ‘‘कई बड़े सुधार हुए हैं और हम उसके परिणाम दो बहुत ही दिलचस्प घटनाक्रम में देख सकते हैं। 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में हमने अब तक का सबसे अधिक निर्यात किया। हमारा कुल निर्यात 670 अरब डॉलर का था।''

विदेश मंत्री ने कहा कि वस्तुओं का व्यापार 400 अरब डॉलर का है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट के कारण दुनिया को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे भोजन, तेल और परिवहन की कीमतें बढ़ना। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमें अभी भी पूरा भरोसा है कि भारत इस साल दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला प्रमुख अर्थव्यवस्था होगा। हम कम से कम 7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेंगे।'' जयशंकर ने कहा कि कोविड के बाद भारत का आर्थिक सुधार अध्ययन करने योग्य है। उन्होंने कहा कि कई देशों ने महामारी के दौरान बहुत धन खर्च किया।

जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं इसे एक झटका कहूंगा...वे संकट से निपटने को लेकर हड़बड़ी में थे। इसलिए, जरूरी नहीं कि उन्होंने अपने धन और संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग किया हो।'' उन्होंने कहा कि भारत ने इसके बजाय एक सुरक्षा घेरा बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। भारत ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने का कार्यक्रम शुरू किया। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के किसी भी देश ने ऐसा नहीं किया है।''

जयशंकर ने कहा कि 40 करोड़ लोगों के बैंक खातों में पैसे अंतरित करने का कार्यक्रम है। विदेश मंत्री ने कोविड संकट से निपटने में भारत के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि महामारी जब शुरू हुई उस वक्त भारत में मास्क और वेंटिलेटर नहीं बनता था। उन्होंने कहा कि लोगों को पीपीई किट के बारे में पता नहीं था। मंत्री ने कहा, ‘‘हम ना केवल 1.3 अरब लोगों की जरूरत पूरी कर सके, बल्कि हम उन लोगों के लिए विशेष उपचार केंद्र भी स्थापित कर पाए, जो कोविड से प्रभावित हुए।'' जयशंकर ने कहा कि भारत बड़ी संख्या में कोविड के टीके निर्मित करने में सक्षम हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में 1.3 अरब लोगों के लिए टीके उपलब्ध कराए गए।''

जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं दौरे पर जाता हूं और देखता हूं कि कई देशों के लोगों को टीका नहीं लगाया गया क्योंकि उनके पास यह नहीं था। जिन देशों में सब कुछ था लेकिन फिर भी लोगों को टीका नहीं लगाया गया।'' मंत्री ने कहा कि भारत निरंतर प्रयासों से इस अंतर को पाटने में सक्षम रहा। जयशंकर ने भारत और सऊदी अरब के बीच संबंधों में मजबूती की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड संकट के दौरान ‘‘हमने देखा कि हमारी अंतरराष्ट्रीय मित्रता भी काम आयी।'' जयशंकर ने कहा, ‘‘सऊदी अरब बहुत मददगार था और उसने ऑक्सीजन की आपूर्ति की। दो साल कोविड से देश की परीक्षा हुई लेकिन हम इसमें कामयाब रहे।''

दोनों देशों के बीच संबंधों में प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘कई मायनों में, आप सभी ने भारत की छवि को आकार दिया और सउदी भारत के बारे में क्या सोचता है तथा हम क्या हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘जानबूझकर या अनजाने में आप सभी ने अपनी उपलब्धियों, योगदान, पेशे और मित्रता के माध्यम से सामूहिक रूप से सऊदी में भारत के बारे में एक राय कायम की है। इसके लिए, आपका देश हमेशा आभारी रहेगा।''

जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में यह सुनिश्चित करना भी है कि हमारे लोगों को विदेशों में अच्छा इलाज मिले।'' कोविड-19 संकट के दौरान विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाये गये ‘वंदे भारत मिशन' के बारे में जयशंकर ने कहा, ‘‘हम दुनिया भर से वंदे भारत मिशन के तहत सात करोड़ लोगों को वापस लाए। किसी ने भी ऐसा नहीं किया है, यह सबसे बड़ा निकासी अभियान था और कोविड-19 महामारी के दौरान यह किया गया।''

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