ऑफ द रिकॉर्डः जावड़ेकर ने टीचर्स पुरस्कारों की पैरवी करने वालों को बाहर किया

Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Sep, 2018 10:48 AM

javadekar excluded those who lobbied for teachers awards

दिल्ली के लुटियन क्षेत्र में पद्म पुरस्कारों की सूची पर पाबंदी लगाने के बाद अब समय सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए पैरवी करने वाले अध्यापकों का था। आजाद भारत में यह पहली बार है कि इन पुरस्कारों के लिए राज्यों से श्रेष्ठ टीचरों के नाम...

नेशनल डेस्कः दिल्ली के लुटियन क्षेत्र में पद्म पुरस्कारों की सूची पर पाबंदी लगाने के बाद अब समय सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए पैरवी करने वाले अध्यापकों का था। आजाद भारत में यह पहली बार है कि इन पुरस्कारों के लिए राज्यों से श्रेष्ठ टीचरों के नाम प्राप्त करने की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने फैसला किया है कि भारत भर से श्रेष्ठ अध्यापकों के आवेदन सीधे ऑनलाइन आमंत्रित किए जाएं। इस संबंध में शर्त केवल यह थी कि राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले अध्यापक ने शिक्षा क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो या कोई नया काम किया हो।

राज्यों की तरफ से इसका विरोध किया गया क्योंकि उन्होंने महसूस किया कि उनके अधिकारों पर अंकुश लगाया जा रहा है लेकिन जावड़ेकर का जवाब सीधा था कि राज्य सरकारें भी अपने चहेते अध्यापकों के नाम भेज सकती हैं लेकिन उसका ‘मापदंड’ वही होगा। संभवत: जावड़ेकर ने प्रधानमंत्री के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी और ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ने जावड़ेकर से कहा कि वह इस मुद्दे पर आगे बढ़ें क्योंकि वह खुद इस बात को लेकर अप्रसन्न थे क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर सिफारिशों का भारी दबाव दिखाई दिया था। जावड़ेकर ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है जो 6000 आवेदनों में से 50 पुरस्कार पाने वालों का चयन करेंगे।

इन 50 श्रेष्ठ अध्यापकों को विज्ञान भवन में 5 सितम्बर को पुरस्कार दिए जाएंगे। एच.आर.डी. के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक राज्य की राजधानी में एक लुटियन जोन है और सभी पुरस्कार ऐसे जोनों में रहने वाले प्रमुख व्यक्तियों के लिए आरक्षित होते हैं। यह बात स्पष्ट हो गई है कि अगर मोदी ने पद्म पुरस्कार की सूची से लुटियन जोन को बंद कर दिया है तो प्रकाश जावड़ेकर ने अध्यापकों की 6 श्रेणियां बनाई हैं।आने वाले वर्षों में अन्य मंत्रालयों में क्या होगा, यह अभी देखना बाकी है।

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