Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Jan, 2019 04:31 PM
लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर ने कांग्रेस को झटका देते हुए सीटों के बंटवारे को लेकर अड़गा डालना शुरू कर दिया है। जेडीएस ने लोकसभा चुनाव के लिए ज्यादा सीटें देने की मांग रखी है जोकि कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।...
बेंगलुरुः लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर ने कांग्रेस को झटका देते हुए सीटों के बंटवारे को लेकर अड़गा डालना शुरू कर दिया है। जेडीएस ने लोकसभा चुनाव के लिए ज्यादा सीटें देने की मांग रखी है जोकि कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। कांग्रेस ने इस संकट से उभरने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला से मदद मांगी है। कांग्रेस चाहती है कि यह तीनों दिग्गज नेता महागठबंधन में आ रहीं बाधाओं को दूर करने की जिम्मेदारी लें। नायडू ने इस जिम्मेदारी को उठाने के लिए हामी भर दी है। तीनों ने जनवरी के मध्य या आखिर तक एक बैठक करेंगे और गठबंधन को लेकर एक रोड मैप तैयार करेंगे।
टीडीपी के प्रवक्ता कमबमपति राममोहन राव ने इस मामले में कहा कि जेडीएस को उतनी ही सीटें मांगनी चाहिए जितनी उसको लगता है वो जीत सकते हैं। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के बीच सभी पदों के लिए बंटवारा 2:1 के अनुपात में हुआ है। इस फॉर्म्युले के आधार पर लोकसभा चुनाव में जेडीएस को 28 सीटों में से 10 सीटें ही मिलेंगी। कुछ दिन पूर्व जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा ने कहा था कि उनकी पार्टी 12 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो उनकी पार्टी 2019 में अकेले चुनाव लड़ेगी।