गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल ने कीं आदिवासियों के लिए कई घोषणाएं

Edited By Yaspal,Updated: 07 Aug, 2022 06:17 PM

kejriwal made many announcements for tribals in view of gae

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी गुजरात में सत्ता में आती है तो राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में संविधान की पांचवीं अनुसूची और पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम को लागू किया...

नेशनल डेस्कः आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी गुजरात में सत्ता में आती है तो राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में संविधान की पांचवीं अनुसूची और पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम को लागू किया जाएगा। केजरीवाल ने यह भी गारंटी दी कि गुजरात की आदिवासी सलाहकार समिति का नेतृत्व मुख्यमंत्री के बजाय समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला होगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गुजरात के अपने दौरे के दूसरे दिन वड़ोदरा में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। गौरतलब है कि गुजरात में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगर आम आदमी पार्टी गुजरात में सत्ता में आती है, तो प्रत्येक आदिवासी गांव में एक अच्छा सरकारी स्कूल और एक ‘‘मोहल्ला क्लिनिक''खोला जाएगा। इसके अलावा आदिवासियों के मुफ्त इलाज के लिए क्षेत्र में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल भी स्थापित किए जाएंगे।

केजरीवाल ने जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने और उन लोगों को घर देने का भी वादा किया जिनके पास खुद का घर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी गांवों को भी सड़कों से जोड़ेगी। दरअसल, संविधान की पांचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधी प्रावधानों से संबंधित है। पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, जिसे पेसा अधिनियम के नाम से भी जाना जाता है, को 1996 में संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था। पेसा अधिनियम के तहत देश के विभिन्न राज्यों को अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को मजबूत करने के लिए इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने को कहा गया था।

केजरीवाल ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी पिछड़े हुए हैं। आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा, ‘‘आदिवासियों को केवल चुनाव से पहले याद किया जाता है और सभी ने उनका शोषण किया है। संविधान आदिवासियों के लिए एक अलग व्यवस्था का प्रावधान करता है क्योंकि आदिवासी समुदाय की एक अलग संस्कृति है और वह बहुत पिछड़ा हुआ है।'' केजरीवाल ने कहा कि कोई भी सरकार भारतीय संविधान में आदिवासियों के लिए किए गए प्रावधानों को लागू करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि वे हमेशा उनके प्राकृतिक संसाधनों को हड़पने के लिए उत्सुक रहते हैं।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘हम संविधान की पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों को शब्दशः लागू करेंगे। हम पेसा अधिनियम को भी सख्ती से लागू करेंगे, जो कहता है कि कोई भी सरकार ग्राम सभा की सहमति के बिना आदिवासी क्षेत्र में कार्रवाई नहीं कर सकती।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक आदिवासी सलाहकार समिति है। इसका काम आदिवासी क्षेत्रों के विकास की निगरानी करना है कि धनराशि का उपयोग कैसे करना है। कानून कहता है कि आदिवासी सलाहकार समिति का अध्यक्ष आदिवासी होना चाहिए जबकि गुजरात में मुख्यमंत्री इस समिति का नेतृत्व करते हैं। यह रोका जा सकता है।''

केजरीवाल ने कहा कि आदिवासियों को रोजगार और मुफ्त बिजली भी मुहैया कराई जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं जबकि कई और नेता भी भाजपा में शामिल होंगे और शेष नेताओं के चुनाव के बाद भाजपा में शामिल होने की संभावना है। यह कमोबेश कांग्रेस की गुजरात इकाई का भाजपा में विलय है।'' उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पार्टियों के बीच इलू (आई लव यू) की राजनीति खत्म हो गई है। अब यह आम लोगों की राजनीति होगी, जो आप करती है।'' केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में जहां एक तरफ भाजपा का 27 साल का 'कुशासन' है, वहीं दूसरी तरफ 'नए चेहरों और नयी उम्मीदों के साथ आम आदमी पार्टी की नयी राजनीति है।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं आपको गारंटी देता हूं कि हम आपके बच्चों का भविष्य बनाएंगे। लेकिन अगर आप उन्हें वोट देंगे तो वे आपको नकली शराब देंगे।'' गुजरात में आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि हर व्यक्ति उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार है। उन्होंने कहा, ‘‘हर गुजराती मुख्यमंत्री होगा। हम एक नयी उम्मीद, नयी राजनीति लेकर आए हैं। हमारी पहली पार्टी है जो ईमानदारी की बात करती है।''

केजरीवाल ने दावा किया कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘अपने दोस्तों के 10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए हैं और अधिक माफ करना चाहते हैं, लेकिन पैसे की कमी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘तो, अब वे कहते हैं कि मुफ्त शिक्षा और अस्पतालों की कोई आवश्यकता नहीं है। मैं देश के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या आपके बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना सही है या भाजपा के दोस्तों का कर्ज माफ करना?''

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