Edited By shukdev,Updated: 31 Oct, 2018 06:14 PM
केरल ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए बुधवार को दक्षिणी राज्यों से सहयोगा मांगा, हालांकि इन राज्यों के मंत्री बैठक में नहीं आए। यह बैठक अगले महीने से शुरू हो रहे वाॢषक तीर्थाटन मौसम...
तिरुवनंतपुरम: केरल ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए बुधवार को दक्षिणी राज्यों से सहयोगा मांगा, हालांकि इन राज्यों के मंत्री बैठक में नहीं आए। यह बैठक अगले महीने से शुरू हो रहे वाॢषक तीर्थाटन मौसम के प्रबंधों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार बैठक का उद्घाटन केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन करने वाले थे। बहरहाल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और पुडुचेरी ने बैठक में हिस्सा लेने के लिए देवस्वओम मंत्रियों की जगह अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा, अतएव विजयन बैठक से दूर रहे।
बैठक में केरल के देवस्वओम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का आदेश लागू करना राज्य सरकार का संवैधानिक दायित्व है और उन्होंने सभी दक्षिणी राज्यों से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि राज्य में अगस्त में बाढ़ के चलते भयंकर तबाही हुई और सबरीमला खासकर पंबा बुरी तरह प्रभावित हुआ। पंबा में ‘नडापपंडाल’ शरणस्थल), स्वास्थ्य केंद्र और शौचालय सुविधाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयीं। मंत्री ने कहा कि पंबा में श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं के फिर से निर्माण और निलक्कल आधार शिविर में अतिरिक्त सुविधाओं के निर्माण का काम 25 करोड़ की अनुमानित लागत पर टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को सौंपा गया है।
राज्य के यह स्पष्ट करने के बाद कि वह सबरीमला में सभी उम्रवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए बाध्य है, राज्य में श्रद्धालुओं का व्यापक प्रदर्शन हुआ था। विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने श्रद्धालुओं के प्रदर्शन का समर्थन किया। श्रद्धालु मंदिर की सदियों पुरानी परंपरा को बनाए रखना चाहते हैं।