नहीं रहीं लता मंगेशकर...शोक में डूबा देश, राष्ट्रपति समेत तमाम नेताओं ने जताया दुख; बोले-फिजाओं में गूंजती रहेगी उनकी आवाज

Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Feb, 2022 01:36 PM

lata mangeshkar is no more the country is in mourning

देश के संगीत जगत की सबसे बड़ी हस्तियों में शुमार और कई पीढ़ियों तक अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरने वाली महान गायिका लता मंगेशकर का रविवार को निधन हो गया। वह 92 साल की थीं।

नेशनल डेस्क: देश के संगीत जगत की सबसे बड़ी हस्तियों में शुमार और कई पीढ़ियों तक अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरने वाली महान गायिका लता मंगेशकर का रविवार को निधन हो गया। वह 92 साल की थीं। उनकी बहन उषा मंगेशकर ने बताया कि लता मंगेशकर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उषा मंगेशकर ने कहा, ‘‘वह अब हमारे बीच नहीं रहीं।

 

दो दिन का राष्ट्रीय शोक
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। लता मंगेशकर के निधन के बाद पूरा देश शोक की लहर में डूब गया है।

 

राष्ट्रति समेत नेताओं ने जताया शोक
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम राजनीतिक नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘लता दीदी जैसा कलाकार सदियों में एक बार पैदा होता है। वह एक असाधारण व्यक्ति थीं, जो उच्च कोटि के व्यवहार की धनी थीं।'' राष्ट्रपति कहा कि यह दिव्य आवाज सदा के लिए बंद हो गई लेकिन उनके गाए गीत हमेशा अमर रहेंगे और अनंतकाल तक गूंजते रहेंगे। राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ लता जी का निधन मेरे लिए, दुनियाभर के लाखों लोगों के लिए हृदयविदारक है।'' स्वरकोकिला लता मंगेशकर के साथ अपने चित्र साझा करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत रत्न लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय हैं। कोविंद ने उनके साथ अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि लता दीदी एक विलक्षण व्यक्तित्व थीं और उनके जैसे कलाकार सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं। उन्होंने कहा कि वह जब भी लता दीदी से मिले, उन्हें गर्मजोशी से भरा पाया।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रसिद्ध पार्श्वगायिका भारत रत्न सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट् किए , ‘‘सुर व संगीत की पूरक लता दीदी ने अपनी सुर साधना व मंत्रमुग्ध कर देने वाली वाणी से न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में हर पीढ़ी के जीवन को भारतीय संगीत की मिठास से सराबोर किया। संगीत जगत में उनके योगदान को शब्दों में पिरोना संभव नहीं है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।‘‘ केन्द्रीय गृह मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं कि समय-समय पर मुझे लता दीदी का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा। अपने अतुलनीय देशप्रेम, मधुर वाणी और सौम्यता से वो सदैव हमारे बीच रहेंगी। उनके परिजनों व असंख्य प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ॐ शांति शांति'' श्री शाह ने ट्वीटर पर स्वर साम्राज्ञी के साथ अपनी तस्वीर भी साझा की है। 

 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे जहां मंगेशकर (92) पिछले महीने से भर्ती थीं। गडकरी ने अस्पताल के बाहर पत्रकारों से कहा कि मंगेशकर '‘‘भारत का गौरव'' थीं और उनकी आवाज ने दुनिया में देश को गौरव और सम्मान दिलाया। गडकरी ने कहा कि मंगेशकर निधन देश और संगीत के क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है... इस खालीपन को कभी नहीं भरा जा सकेगा।'' गडकरी ने याद किया कि गायिका और उनके भाई-बहनों समेत मंगेशकर परिवार ने समाज सुधारक विनायक दामोदर सावरकर की रचना ‘‘सागर प्राण तलमलला'' को अपनी आवाज दी थी। उन्होंने कहा कि मंगेशकर को देश की विरासत और आजादी के लिए लड़ने वालों पर गर्व होता था। 

 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने भी गायिका को श्रद्धांजलि दी और एक ट्वीट में कहा कि वह अपनी मधुर और अमर आवाज के माध्यम से जीवित रहेंगी। 

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ ‘स्वर कोकिला' लता मंगेशकर जी के निधन से भारत की आवाज़ खो गई है। लताजी ने आजीवन स्वर और सुर की साधना की। उनके गाये हुए गीतों को भारत की कई पीढि़यों को सुना और गुनगुनाया है। उनका निधन देश की कला और संस्कृति जगत की बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।'' 

 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''लता मंगेशकर जी के निधन की दुखद खबर मिली। उनकी आवाज कई दशकों तक भारत में सबसे प्रिय रही।'' कांग्रेस नेता ने कहा, ''उनकी सुरीली आवाज अमर है और उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा गूंजती रहेगी। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।''

 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्विटर पर मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारतीय कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने लिखा, ''भारतीय संगीत की बगिया में सुरों को चुन-चुनकर सजाने वाली सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर जी के निधन का दुखद समाचार मिला। उनके निधन से भारतीय कला जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर लता जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें और इस दुःख की घड़ी में परिजनों को कष्ट सहने का साहस प्रदान करें।'' प्रियंका ने अपनी दादी व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ मंगेशकर की एक तस्वीर भी साझा की। 

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लता मंगेशकर नहीं रहीं लेकिन भारत में पीढ़ियों को उनके गीतों से स्नेह रहा है जो सदाबहार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ उनके परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।'' 

 

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘ स्वर कोकिला, सुर सम्राज्ञी लता जी का निधन ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई असंभव है। उनका जाना हर किसी के लिए व्यक्तिगत नुक़सान है।'' ठाकुर ने कहा, ‘‘ निजी तौर पर वो मेरी सबसे पसंदीदा गायिका थीं जिन्होंने उम्र के हर पड़ाव पर अपने गायन से मेरे जैसे अनगिनत लोगों को प्रभावित किया, हमारे अंतर्मन पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। लता जी के अंदर की भारतीयता उनके संगीत में झलकती थी, उनके जैसा व्यक्तित्व का अवतरण सदियों में होता है।''

 

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत रत्न लता मंगेशकर जी के निधन से काफी दुखी हूं। वह देश की आवाज थीं। यह एक युग का समापन है।'' 

 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘भारत की स्वर कोकिला महान लता मंगेशकर जी का निधन देश में संगीत के एक युग की समाप्ति है। उनकी सुरीली आवाज हम सबके बीच और पूरी दुनिया में सदा अमर रहेगी।'' 

 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘लता जी के निधन ने एक खालीपन पैदा कर दिया है जिसे कभी नहीं भरा जा सकता। भारत ने आज अपनी कोकिला खो दी है। उनकी आत्मा को शांति मिले।'' 

 

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत की स्वर कोकिला , भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन से दुखी हूं। ईश्वर इस महान आत्मा को सद्गति प्रदान करें। मैं मंगेशकर परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।''

 

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा, ‘‘लता मंगेशकर का संगीत क्षेत्र, भाषा और समय की सीमाओं को पार कर गया। इसमें सर्वशक्तिमान ईश्वर का आह्वान करने की क्षमता थी।'' उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर के भक्ति गीतों में सुबह देवताओं को जगाने की क्षमता होती है, जबकि उनके प्रेम गीतों में युवाओं को खुश करने की शक्ति होती है। उनके द्वारा गाए गए देशभक्ति गीतों में राष्ट्रवाद की भावना का संचार करने की शक्ति थी और उनकी गाई लोरियों में बच्चों को अच्छी नींद सुलाने का जादू था। राज्यपाल ने कहा कि लता जी ने भारतीय संगीत को सरल बनाया और जन-जन तक पहुंचाया। कोश्यारी ने कहा कि उनकी दिव्य आवाज ने मजदूर वर्ग, किसानों और आम लोगों को एक नई ऊर्जा, आशा और सकारात्मकता दी। राज्यपाल ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र को गर्व है कि लता जी इस राज्य की रहने वाली थीं। यह हमारा सौभाग्य है कि हम उसी युग में रह रहे हैं जिसमें लता जी ने सांस ली और गीत गाए।'' कोश्यारी ने कहा कि लता के निधन से संगीत की दुनिया में एक बड़ा खालीपन आ गया है, लेकिन उनका संगीत युगों-युगों तक जीवित रहेगा। राज्यपाल ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के लोगों की ओर से, मैं महान लता दीदी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवार एवं दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।'' 

 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि महान गायिका लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। ठाकरे ने एक बयान में कहा कि लता मंगेशकर के निधन से एक गौरवशाली युग का अंत हो गया है। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘‘वह हमारे बीच हमेशा मौजूद रहेंगी।'' उन्होंने कहा कि गायिका का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। ठाकरे ने कहा, ‘‘यह दुखद है कि लता मंगेशकर हमें छोड़कर चली गईं। वह मातृतुल्य थीं। उनकी आवाज ने सभी के जीवन में हर स्थिति को जीवंत कर दिया। उनकी आवाज ने भाषा, क्षेत्र, जाति, पंथ और धर्म की बाधाओं को तोड़ दिया।'' 

 

बता दें कि स्वर सम्राज्ञी के रूप से जानी जाने वाली लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र से गायन का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। उन्होंने 1942 में एक गायिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था और सात दशकों से अधिक समय तक हिंदी, मराठी, तमिल, कन्नड़ और बंगाली समेत 36 भारतीय भाषाओं में लगभग 25,000 गीत गाए। उन्होंने ‘लग जा गले', ‘मोहे पनघट पे', ‘चलते चलते', ‘सत्यम शिवम सुंदरम', ‘अजीब दास्तां है', ‘होठों में ऐसी बात', ‘प्यार किया तो डरना क्या', ‘नीला आसमां सो गया' और ‘पानी पानी रे' जैसे कई गीतों को अपनी सुरीली आवाज देकर यादगार बना दिया। भारतीय सिनेमा के सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक मानी जाने वाली लता मंगेशकर को कई फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और कई बार भारतीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें 2001 में भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया था।

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