किसान आंदोलन के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर महापंचायत, रास्ता खोले जाने की मांग

Edited By Yaspal,Updated: 20 Jun, 2021 06:05 PM

mahapanchayat on singhu border against farmers  movement

राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ आवाज उठने लगी है। दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा के शेरशाह गांव में रविवार को 36 बिरादरी की महापंचायत हुई। ये महापंचायत किसानों

नेशनल डेस्कः राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ आवाज उठने लगी है। दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा के शेरशाह गांव में रविवार को 36 बिरादरी की महापंचायत हुई। ये महापंचायत किसानों के आंदोलन के विरोध में हुई है। महापंचायत में दिल्ली के 12 गांव और हरियाणा के 15 गांव के लोग शामिल हुए। शेरशाह गांव सिंघु बॉर्डर से सटा हरियाणा का गांव है।

दरअसल ये गांववाले किसान आंदोलन की आड़ में हो रही आपराधिक वारदातों से नाराज हैं। महापंचायत में हिंसक घटनाओं के विरोध के साथ साथ बॉर्डर को एक तरफ खुलवाने की भी मांग  की जा रही है। पिछले करीब सात महीने से किसानों का दिल्ली के बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन चल रहा है, इस दौरान टिकरी बॉर्डर पर एक शख्स को ज़िंदा जलाने और एक लड़की के साथ रेप का आरोप लगा है।

सिंघु बॉर्डर से सटे गांव वाले पहले भी स्थानीय प्रशासन तथा आंदोलनकारी गांववालों से रास्ता खोलने की मांग कर चुके हैं। गांव वालों ने महापंचायत के दौरान किसान आंदोलन की वजह से पैदा हुई कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी चर्चा की है। फिलहाल मांग यह की गई है कि अगर अगले 10 दिनों के अंदर रास्ता नहीं खोला गया तो एक और बड़ी महापंचायत होगी और उसमें आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा से जब इस मसले पर बात हुई तो उन्होंने कहा कि वे सड़क पर अपनी खुशी से नहीं बैठे हैं क्योंकि सरकार उनकी मांगों को नहीं मांग रही है। उनका कहना है कि सरकार अगर उनकी मांगें मान ले तो वे सड़क से हट जाएंगे। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि किसानों के धरने की वजह से उनको बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!