नारायण राणे का दावा- शिवसेना के 56 में से 35 विधायक पार्टी आलाकमान से नाराज

Edited By Ashish panwar,Updated: 12 Jan, 2020 07:09 PM

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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के मौजूदा राज्य सभा सांसद नारायण राणे ने दावा किया है कि राज्य के 56 शिवसेना विधायकों में से 35 पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट हैं। शनिवार रात एक समारोह में पत्रकारों से बात करते हुए राणे ने यह बात कहीं। उन्होंने...

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के मौजूदा राज्य सभा सांसद नारायण राणे ने दावा किया है कि राज्य के 56 शिवसेना विधायकों में से 35 पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट हैं। शनिवार रात एक समारोह में पत्रकारों से बात करते हुए राणे ने यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार से शिवसेना पार्टी  के कुछ विधायक नाराज है । गौरतलब है कि, राणे पूर्व में शिवसेना से राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके है, फिलहाल वह शिवसेना छोड़ भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं।

उन्होंने महाराष्ट्र की मौजूदा गठबंधन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार नकारा है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को राज्य में सरकार बनाने में पांच हफ्ते से ज्यादा का समय लग गया था, जिससे यह साबित होता है कि सभी गठबंधन में शामिल पार्टियां सिर्फ मालदार विभाग और प्रभावशाली मंत्रालय हड़पने के चक्कर में एक दूसरे से खिंचतान में समय गंवा रहे थें। शिवसेना के कुछ विधायक यह समझ गये है कि यह गठबंधन सरकार महाराष्ट्र की जनता की सेवा के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ अपने भले के लिए ही सत्ता में आई है। सरकार की इस नीयत को शिवसेना के कुछ मौजूदा विधायकों ने भाप लिया है, क्योंकि इनको आगे भी जनता के सामने मुंह दिखाना है। इस कारण ये सभी विधायक पार्टी और सरकार के गलत कामों के खिलाफ पार्टी से नाता तोड़ने चाहते हैं। राणे ने कहा कि, विधायकों के इस फैसले का राज्य की जनता जरूर स्वागत करेंगी।

राणे ने विश्वास व्यक्त किया कि जल्द ही भाजपा महाराष्ट्र में सत्ता में वापसी करेंगी। भाजपा के अभी 105 विधायक हैं और शिवसेना के पास केवल 56 विधायक है। जिसमें से 35 अभी पार्टी से नाराज है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के लिए कर्ज माफी का ठाकरे सरकार का वादा खोखला है। क्योंकि इसे कब तक लागू किया जाएगा, इस पर सरकार की तरफ से अभी तक कोई समयसीमा तय नहीं की गईं है।

उद्धव ठाकरे को सरकार चलाने की एबीसीड़ी भी नहीं आती है
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के औरंगाबाद दौरे का जिक्र करते हुए राणे ने कहा कि वह क्षेत्र के विकास के लिए किसी भी योजना की घोषणा किये बिना ही वापस लौट आये, इससे यह साबित होता है कि, ऐसी लाचार, कमजोर सरकार से राज्य की जनता का भला होने वाला नहीं हैं। उन्हें सरकार चलाने के बारे में कुछ भी नहीं पता है।

एमएनएस से गठबंधन की अटकलों पर टिप्पणी करने से इंकार
भाजपा और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के बीच गठबंधन की अटकलों पर टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए राणे ने कहा कि केवल भाजपा प्रमुख ही इस पर बोलेंगे। बता दें कि पिछले दिनों राज ठाकरे ने राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। इसी के बाद से मनसे और भाजपा की गठबंधन की अटकलें लगनी शुरू हो गई थी। हालांकि, राज ठाकरे ने इसका खंडन किया और कहा कि, दोनों पार्टियों की विचारधारा अलग है। 

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