नए मोटर कानून के बाद दुर्घटना से मौत में भारी कमी: सरकार

Edited By shukdev,Updated: 25 Nov, 2019 10:02 PM

major reduction in accidental death after new motor law government

नए मोटर वाहन कानून के एक सितंबर से अमल में आने के बाद, चंडीगढ़ सहित कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में भारी कमी आई है। सितंबर और अक्टूबर में ऐसे घातक हादसों में 75 प्रतिशत की गिरावट देखी गई ...

नई दिल्ली: नए मोटर वाहन कानून के एक सितंबर से अमल में आने के बाद, चंडीगढ़ सहित कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में भारी कमी आई है। सितंबर और अक्टूबर में ऐसे घातक हादसों में 75 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। यह जानकारी सोमवार को संसद को दी गई। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को सूचित किया कि सितंबर और अक्टूबर में चंडीगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं में केवल दो व्यक्ति मारे गए, जबकि यह संख्या एक साल पहले की समान अवधि में आठ थी। इसी प्रकार पुडुचेरी में वर्ष 2018 के समान अवधि के दौरान हुए सड़क दुर्घटनाओं में मौत की तुलना में हादसे 31 प्रतिशत घटकर केवल नौ रह गई। 

उत्तराखंड में सितंबर और अक्टूबर में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या 22 प्रतिशत घटकर 61 रह गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह संख्या 78 थी। गडकरी ने कहा कि गुजरात में मृत्यु भी इन महीनों में घटकर 480 रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि के 557 मौतों के मुकाबले 14 प्रतिशत कम है। बिहार में इन दो महीनों में, वर्ष 2018 के इन दो महीनों में 459 मौतों की तुलना में समीक्षाधीन अवधि के दौरान, मृत्यु दर 10.5 प्रतिशत घटकर 411 रह गई। उत्तर प्रदेश में इस वर्ष सितंबर और अक्टूबर में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या 10 प्रतिशत घटकर 1,355 रह गई जो वर्ष 2018 की सितंबर से अक्टूबर की अवधि में 1,503 के मुकाबले मौतें हुईं। 

गडकरी ने कहा कि केरल में सड़क दुर्घटना से संबंधित मौतों में 2.1 प्रतिशत की कमी आई जबकि छत्तीसगढ़ में दुर्घटना से संबंधित मौतों में 4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। पिछले सप्ताह, सरकार ने संसद को सूचित किया था कि नए मोटर वाहन अधिनियम के लागू होने के बाद से कुल 577.5 करोड़ रुपए की राशि वाले 38 लाख चालान जारी किए गए हैं। हालांकि, यह कहा गया था कि ‘चालान अदालतों के लिए संदर्भित किए जा रहे हैं इसलिए वास्तविक राजस्व के आंकड़े उपलब्ध नहीं है। 

तमिलनाडु में सबसे अधिक 14,13,996 चालान काटे गए, जबकि सबसे कम चालान गोवा में यानी 58 चालान ही काटे गए। सरकार ने हाल ही में कहा था कि उसे किसी भी राज्य के द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 को लागू नहीं करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, कुछ राज्यों ने अधिनियम के तहत उन्हें दी गई शक्तियों के अनुसार दंड की मात्रा में थोड़ी कमी की है। सख्त प्रावधानों और उच्च दंड राशि वाले कानून को एक सितंबर से देश में लागू किया गया था।

 


 

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