सोनिया का नाम राज्यसभा कार्रवाई से हटाएं, गोयल व सीतारमण माफी मांगें, मल्लिकार्जुन खड़गे ने की मांग

Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Aug, 2022 04:43 PM

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राज्यसभा में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्मला सीतारमण द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के बारे में 28 जुलाई को की गयी टिप्पणी को सदन की कार्रवाई से निकाला जाना चाहिए और सत्ता पक्ष के...

नई दिल्ली: राज्यसभा में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्मला सीतारमण द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के बारे में 28 जुलाई को की गयी टिप्पणी को सदन की कार्रवाई से निकाला जाना चाहिए और सत्ता पक्ष के दोनों मंत्रियों को माफी मांगनी चाहिए।

खड़गे ने यह मांग गोयल एवं सीतारमण द्वारा 28 जुलाई को उस टिप्पणी के बारे में की जिसमें दोनों मंत्रियों ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति के बारे में दिये गये विवादास्पद बयान को लेकर विपक्षी दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का उल्लेख किया था।

नेता प्रतिपक्ष ने आज उच्च सदन में यह प्रसंग उठाते हुए कहा कि वह ‘‘प्रक्रियागत अनियिमतता’’ से जुड़े एक गंभीर मामले को उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने 29 जुलाई को राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भेजा था। उन्होंने कहा कि इस पत्र में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण एवं पीयूष गोयल ने 28 जुलाई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का जो उल्लेख किया था, उसका सदंर्भ दिया गया है।

खड़गे ने कहा कि वह (सोनिया गांधी) अन्य सदन की सदस्य हैं और उनके नाम का उल्लेख किया जाना काफी समय से चली आ रही संसदीय परिपाटी का घोर उल्लंघन है। मैंने उपरोक्त उल्लेख में श्रीमती निर्मला सीतारमण और श्री गोयल द्वारा प्रयुक्त किए गए उन शब्दों को निकालने और दोनों से माफी मांगने की मांग की है।   इस पर पीठसीन उपाध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सभापति एम वेंकैया नायडू निर्णय करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह यह जानना चाहते हैं कि सभापति निर्णय करने में कितना समय लगाएंगे क्योंकि उन्होंने 29 जुलाई को ही पत्र दिया था। उन्होंने कहा कि यह सदन की पुरानी परिपाटी से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मामला है। पीठासीन उपाध्यक्ष कालिता ने उनसे कहा कि यह काम सभापति पर छोड़ दिया जाना चाहिए क्योंकि यह उनके समक्ष विचाराधीन है।

इस मुद्दे पर सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेता प्रतिपक्ष आसन पर आक्षेप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आसन निष्पक्ष हैं और यह आरोप लगाना गलत है कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के बावजूद विधेयक को पारित करवाया गया।

गोयल ने कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्य शांत बैठे हैं और विपक्ष के कुछ सदस्य सदन में व्यवस्था नहीं बनने दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष के सदस्य यह सब महंगाई के मुद्दे पर चर्चा से बचने के लिए कर रहे हैं तथा वे इस चर्चा से भागना चाहते हैं। सदन के नेता ने दावा किया कि विपक्षी सदस्य इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि सरकार ने महंगाई को रोकने के लिए बहुत प्रभावी एवं ठोस कदम उठाये हैं।

इससे पहले खड़गे ने सदन में विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के विरोध की ओर इशारा करते हुए पीठासीन उपाध्यक्ष से कहा था कि इस तरफ (विपक्ष) के सदस्यों की बात नहीं सुनी जा रही जबकि उस तरफ (सत्ता पक्ष) के सदस्यों की बात सुनी जा रही है। उनका संकेत इस बात की ओर था कि सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच दो विधेयकों पर चर्चा करवायी गयी।

सदन में आज हंगामे के बीच कुछ विपक्षी सदस्यों ने जब व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहा तो पीठासीन अध्यक्ष ने उनसे कहा कि जब सदन में व्यवस्था ही नहीं है तो वे व्यवस्था का प्रश्न कैसे उठा सकते हैं। कालिता ने कहा कि नियमों के अनुसार आसन के समक्ष आए सदस्य अपने नियत स्थानों पर जाकर ही इस तरह का प्रश्न उठा सकते हैं।

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