Edited By Yaspal,Updated: 17 Jun, 2019 06:12 PM
लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस विधायकों और नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला जारी है। राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में विधायकों का पाला बदलना तृणमूल अध्यक्ष ममता..
नेशनल डेस्कः लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस विधायकों और नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला जारी है। राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में विधायकों का पाला बदलना तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी की चिंताएं बढ़ा रहा है। तृणमूल कांग्रेस के नौपाड़ा विधायक सुनील सिंह समेत पार्टी के 12 पार्षद फिर भाजपा में शामिल हो गए हैं। इन सभी ने कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय की मौजूदगी में शपथ ली। हाल ही में दार्जिलिंग नगर निगम के 30 में से 17 पार्षद भी शनिवार को भाजपा में शामिल हुए हैं। इससे लोकसभा चुनाव के बाद से पश्चिम बंगाल की तीन बार रही नगर निगम भी अब भाजपा द्वारा शासित होगी।
कभी ममता बनर्जी के दाहिने हाथ रहे राज्यसभा सांसद मुकुल रॉय की उपस्थिति में इन पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि जिस तरीके से पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव हुए उसी तरीके से यहां सात चरणों में लोगों को पार्टी में शामिल करवाएंगे। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक भाषण में कहा था कि 40 विधायक हमारे संपर्क मे हैं और कभी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। विजयवर्गीय के मुताबिक, “यह सभी विधायक ममता की तानाशाही से तंग आकर भाजपा में आकर शामिल हो रहे है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कई विधायकों समेत 50 से ज्यादा पार्षद भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जिसमें भाजपा नेता मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशू रॉय भी शामिल हैं। शुभ्रांशू बिजपुर से विधायक हैं। उनके अलावा बिष्णुपुर से टीएमसी विधायक तुषारकांति भट्टाचार्य और हेमताबाद से माकपा विधायक देबेंद्र नाथ रॉय भाजपा में शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि 2016 में पश्चिम बंगाल में 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में टीएमसी को 211 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भाजपा को सिर्फ तीन सीट हासिल हुई थी। इसके बाद से भाजपा लगातार मजबूत होते हुए राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी बनती जा रही है।