Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Apr, 2020 12:16 PM
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और सभी राज्य सरकारें एकजुट होकर लड़ रही है। कोरोना के खिलाफ इस जंग में जिससे जितना बन पड़ रहा है सभी मदद कर रहे हैं। इस सूची में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम भी जुड़ गया है। ममता बनर्जी ने...
नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और सभी राज्य सरकारें एकजुट होकर लड़ रही है। कोरोना के खिलाफ इस जंग में जिससे जितना बन पड़ रहा है सभी मदद कर रहे हैं। इस सूची में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम भी जुड़ गया है। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PM Care) और राज्य आपदा कोष में पांच-पांच लाख रुपए दिए हैं। यहां जो बात दिलचस्प है वो यह कि ममता बनर्जी न तो विधायक के तौर पर सैलरी लेती हैं और न ही उनके पास किसी तरह की कोई पेंशन है तो फिर उनके पास दान के लिए राशि कहां से आई।
ममता बनर्जी की कमाई का सोर्स उनके रचनात्मक कार्य हैं, जैसे- किताबों और म्यूजिक की रॉयल्टी से जो पैसे मिलते हैं, वही उनकी कमाई है। इसी से उन्होंने कुछ पैसे जोड़कर रखे हुए हैं जिसमें से उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और राज्य आपदा कोष में 5-5 लाख दान किए हैं। ममता बनर्जी ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी कि मैं अपने सीमित संसाधनों में से ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएम-केअर्स) में पांच लाख रुपये और राज्य आपात राहत कोष में पांच लाख रुपये का योगदान दे रही हूं।
ममता ने ट्वीट किया कि वो विधायक या मुख्यमंत्री के रूप में कोई सैलरी नहीं लेती हैं साथ ही उन्होंने सात बार सांसद रहने के बावजूद मैंने पेंशन त्याग दी। ममता बनर्जी कोलकाता में कोरोना के खिलाफ लड़ने को लेकर न सिर्फ मुस्तैद हैं बल्कि उन्होंने खुद सड़क पर उतर कर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब समझाया था। ममता बनर्जी के काम को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात की थी और उनके कामों की तारीफ की थी। बता दें कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1600 के पार चली गई है और 48 की मौत ह गई है। पश्चिम बंगाल में अभी तक कोरोना संक्रमण के 27 मामले सामने आए हैं और 4 व्यक्तियों की मौत हो गई है।