Edited By ,Updated: 21 Nov, 2016 11:32 AM
भारत दिन पर दिन सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहा है, अब एक और सफलता भारत के नाम जुड़ गई है। भारतीय मंगल मिशन (MoM) पर गए मंगलयान ने तीन साल होने पर एक और उपलब्धि हासिल कर ली है।
नई दिल्ली: भारत दिन पर दिन सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहा है, अब एक और सफलता भारत के नाम जुड़ गई है। भारतीय मंगल मिशन (MoM) पर गए मंगलयान ने तीन साल होने पर एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका National Geographic Magazine ने मंगलयान द्वारा ली गई मंगल ग्रह की एक तस्वीर को कवर फोटो बनाया है। हालांकि MoM ने यह तस्वीर साधारण कैमरे से ली लेकिन इसमें मंगल ग्रह की तकरीबन पूरी तस्वीर एक साथ दिख रही है। इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए एक विशेषज्ञा ने कहा कि मंगल ग्रह की हाई रिजोल्यूशन की इतनी बड़ी तस्वीर बहुत कम ही उपलब्ध है। भले ही दुनिया के तमाम देशों ने लाल ग्रह को लेकर पिछले कई सालों में 50 से ज्यादा मिशन किये हों लेकिन MoM द्वारा खीचीं गई यह तस्वीर बहुत उम्दा है।
मंगलयान की सफलता के साथ ही भारत पहली ही कोशिश में मंगल पर जाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। यूरोपीय, अमेरिकी और रूसी यान लाल ग्रह की कक्षा में या जमीन पर पहुंचे हैं लेकिन कई प्रयासों के बाद। बता दें कि भारत का MOM बेहद कम लागत वाला अंतरग्रही मिशन है। नासा का मंगल यान मावेन 22 सितंबर को मंगल की कक्षा में प्रविष्ट हुआ था। भारत के MOM की कुल लागत मावेन की लागत का मात्र दसवां हिस्सा है। कुल 1,350 किग्रा वजन वाले अंतरिक्ष यान में पांच उपकरण लगे हैं। इन उपकरणों में एक सेंसर, एक कलर कैमरा और एक थर्मल इमैजिंग स्पेक्ट्रोमीटर शामिल है।
यह उपग्रह, जिसका आकार लगभग एक नैनो कार जितना है, तथा संपूर्ण मार्स ऑरबिटर मिशन की लागत कुल 450 करोड़ रुपए या छह करोड़ 70 लाख अमेरिकी डॉलर रही है, जो एक रिकॉर्ड है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन या इसरो) ने 15 महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया, और यह 300 दिन में 67 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर अपनी मंजिल मंगल ग्रह तक पहुंचा।