Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 06:57 PM
मणिपुर में बिहारी छात्रों के साथ पुलिस और स्थानीय लोगों के मारपीट करने का मामला तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार ना करने पर बिहार समेत अन्य राज्यों के छात्रों ने एनआईटी का हॉस्टल छोड़ने का निर्णय लिया। उनके इस...
पटनाः मणिपुर में बिहारी छात्रों के साथ पुलिस और स्थानीय लोगों के मारपीट करने का मामला तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार ना करने पर बिहार समेत अन्य राज्यों के छात्रों ने एनआईटी का हॉस्टल छोड़ने का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय पर सीएम ने एनआईटी कॉलेज पहुंच कर छात्रों को रोका।
मुख्यमंत्री द्वारा छात्रों को आश्वासन दिलाया गया है कि बहुत जल्द दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एनआईटी में छात्रों की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान भी तैनात किए जाएंगे। एनआईटी के डायरेक्टर और रजिस्ट्रार दोनों को उनके पद से जल्द ही हटाया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए मणिपुर के सीएम से बात की थी। नीतीश कुमार ने घायल हुए छात्रों के समुचित इलाज और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।
जानकारी के अनुसार, सोमवार को मणिपुर के एनआईटी में बिहार के छात्रों को बेरहमी से पीटा था, जिस घटना में करीब एक दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए। यह विवाद क्रिकेट खेलने को लेकर एनआइटी के छात्रों और बाहरी लड़कों के बीच शुरु हुआ था। विवाद के बाद शाम को बाहरी लड़कों ने कुछ छात्रों को पीटकर घायल कर दिया।
घटना के बाद छात्रों ने निदेशक, डीन और हॉस्टल अधीक्षक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने बताया कि मणिपुर एनआईटी में अकसर बिहारी छात्रों के साथ मारपीट की जाती है। पुलिस द्वारा मामले को दबा दिया जाता है और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।