असली मनोज तिवारी तो मृदुभाषी ही हैं, लेकिन...

Edited By Anil dev,Updated: 23 Nov, 2018 10:39 AM

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महिला टीचर पर गुस्सा करने की बात हो, निगम द्वारा लगाई गई सीलिंग तोडऩे का मामला हो या फिर सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन में हुआ विवाद, इन सब के कारण सांसद मनोज तिवारी की छवि एन्ग्री यंग मैन जैसी बन गई है।

नई दिल्ली: महिला टीचर पर गुस्सा करने की बात हो, निगम द्वारा लगाई गई सीलिंग तोडऩे का मामला हो या फिर सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन में हुआ विवाद, इन सब के कारण सांसद मनोज तिवारी की छवि एन्ग्री यंग मैन जैसी बन गई है। नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी के साथ मनोज ने विवादित घटनाओं से लेकर आगामी लोकसभा चुनाव और मंदिर मुद्दे तक खुलकर बात की। पेश हैं प्रमुख अंश:

चर्चा है कि अमित शाह 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर नए उम्मीदवार उतारेंगे?
अकेले अमित शाह जी सोचकर ऐसा नहीं कर सकते। यदि भाजपा की संसदीय समिति ऐसा कुछ चाहेगी तो वह कर सकती है। हमारे यहां संसदीय समिति कोई भी निर्णय ले सकती है और उनका फैसला सही समय के अनुसार सही होता है। 

लोग कह रहे हंै कि पेट्रोल महंगा, सब्जी महंगी, अच्छे दिन कहां हैं? 2019 में भाजपा को वोट करें तो क्यों करें?
सब्जियां पहले के मुकाबले सस्ती हैं। अनाज सस्ता है। डीजल-पेट्रोल को छोड़कर सभी चीजें वर्ष 2013 के मुकाबले सस्ती हैं। सरकार डीजल-पेट्रोल से फिक्स पैसा लेती है, रेट कुछ भी हो 19 रुपए तय हैं। इस राशि से विकास और कल्याणकारी काम होते हैं। लेकिन, राज्य कीमतों पर 27 प्रतिशत हिस्सा लेती है। इसके बावजूद केन्द्र ने डीजल-पेट्रोल पर ढाई रुपए कम किया। महंगाई पर किसी ने लगाम कसी है तो वह मोदी सरकार है। लेकिन, पेट्रोल-डीजल की कीमत बढऩे से राज्य सरकार की आय बढ़ती है, ऐसे में ईंधन सस्ता मिले, इसके लिए दिल्ली सरकार को वैट कम करना चाहिए। 

आरोप है कि सिग्नेचर ब्रिज विवाद के दौरान आपने पुलिस अधिकारी से मारपीट की? 
वीडियो देखने पर साफ हो जाता है कि जो आरोप है वह गलत है। दरअसल मैं स्टेज से दूर डिवाइडर पर चुपचाप खड़ा था, लेकिन आप विधायक अमानतुल्लाह ने मुझे गाली दी फिर साथियों के साथ मुझे धक्का देने लगे। उस दौरान पुलिस वाले मुझे गार्ड करते हुए वहां से हटा रहे थे। इस पर मैंने गुस्सा जरूर जताया था कि जनप्रतिनिधि और क्षेत्र का सांसद होने के नाते उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आमंत्रण पर मैं यहां हूं और जो लोग मुझे धक्का दे रहे हैं उनको कुछ नहीं कहा जा रहा है। उल्टा मुझे ही हटाया जा रहा है। 

कहा जा रहा है कि सिग्नेचर ब्रिज विवाद इसलिए किया गया, ताकि ‘आप’ सरकार को क्रेडिट नहीं मिले?
जहां तक बात है के्रडिट की तो यह बात पूरी तरह से बेबुनियाद है। इस पुल में 1133 करोड़ रुपए केन्द्र के लगे हैं। 33 करोड़ मेरे माध्यम से दिए गए। सभी को पता है यह, तो इसमें क्रेडिट लेने का मामला ही कहां है। हां, इसके बाद दिल्ली सरकार ने जो 350 करोड़ रुपए लगाए, उसकी जांच होनी चाहिए। 

आप सरकार के लोग कहते हैं कि वह तो अपने कार्यक्रमों में आपको बुलाते हैं, पर आप नहीं बुलाते?
यह आरोप गलत है। मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में जितने भी कार्यक्रम किए, उन सभी में स्थानीय विधायकों को बाकायदे बुलाया गया। जहां तक बात है स्काईवॉक की तो उसमें दिल्ली सरकार की ओर से एक भी पैसा नहीं दिया गया। जो अतिथियों का प्रोटोकॉल होता है, उसका उल्लंघन कभी नहीं किया गया।

आप सरकार की रफ्तार से जलती है भाजपा, ऐसा आरोप लगाया जाता है?
जिस रफ्तार से दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो रही है प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना दूभर हो रहा है, उससे मैं जलन करूं, पेयजल  के लिए लोग तरस रहे हैं और पानी की लड़ाई में गोली मार दी जाती है, उससे मैं जलन करूं। जिस तरह से ट्रांसपोर्ट व्यवस्था चौपट हो रही है और लोगों को परेशानी हो रही है, उससे मैं जलन करूं। जिस तरह इनके नेता-मंत्री हवाला कारोबार में लिप्त हैं, उससे जलन करूं। कुल मिलाकर इनकी भाषा और हावभाव इतना खराब है कि उनके विधायक महिला पत्रकार को अभद्र भाषा चैनल पर चर्चा के दौरान बोल देते हैं। भाजपा को आप की ऐसी रफ्तार से दु:ख है। 

रमेश बिधूड़ी कांड के बाद विपक्ष कह रहा है कि भाजपा पूर्वांचलियों का बहुत पहले से अपमान करती रही है?
दरअसल, दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी के मामले को आम आदमी पार्टी ने गलत तरह से पेश किया है। यह झगड़ा दो लोगों के बीच का है, पूर्वांचली बनाम दिल्ली वाले का नहीं है। आपसी झगड़े तो कहीं भी हो सकते हैं। मैं पूर्वांचल का हूं और भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष हूं तो क्या जो मानवीय व्यवहार के कारण होने वाले झगड़े हंै, वह बंद हो जाएंगे।

आपने सांसद रमेश बिधूड़ी को नोटिस क्यों जारी किया?
नोटिस जारी करना तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। मीडिया में आई खबरों के बाद प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मैंने रमेश बिधूड़ी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा। इसमें कुछ गलत तो नहीं। 

कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा का आरोप है भाजपा पूर्वांचलियों को यूज एंड थ्रो की तरह देखती है?
यह उनकी कुंठा है, वास्तव में तो यही बात उनको कांग्रेसी नेताओं से बोलनी चाहिए। उनको कहना चाहिए कि पूर्वांचलियों को सम्मान देने के लिए उनको पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।

जिस तरह से दिल्ली की डेमोग्राफी बदली है तो क्या अब दिल्ली का सीएम पूर्वांचल मूल का होना चाहिए?
समाज के हर हिस्से को एक-एक बार मौका मिलना चाहिए। भाजपा ने समाज के हर हिस्से को अवसर दिया है। पहली बार भाजपा ने किसी पूर्वांचली को इतना बड़ा मौका दिया। भाजपा पूर्वांचल पार्टियों में परेशानी है। कांग्रेस और आप इसी बात से परेशान हंै कि भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष का पद पूर्वांचल मूल के लोगों को दिया है। खुद पर सवाल नहीं उठे, इसलिए दोनों पार्टियां साजिश रचती रहती हैं। 

क्या आयुष्मान योजना दिल्ली में लांच होगी?
आयुष्मान योजना को रोकने के लिए केजरीवाल ने पूरी ताकत लगा दी। पांच लाख रुपए प्रति परिवार की योजना अगर यहां लागू कर दी जाती तो हर आदमी के घर पर एक तरह से मोहल्ला क्लीनिक खुलने जैसी बात हो जाती। इसी डर से सीएम इस योजना को रोकने में लगे रहे। सालभर चुनाव होगा तो पब्लिक इनको रोक देगी। 

लोग कहते हैं कि टैक्स फ्रॉड करने वालों को भगा दिया गया और सरकार ला भी नहीं रही?
मेरा सवाल है कि जितने भी देश छोड़कर भागे हैं, उनके मामले मोदी सरकार के आने के बाद ही क्यों खुले। ऐसा तो नहीं है कि यह सारे वर्ष 2014 में ही बिजनेसमैन बने। हां, कुछ नियम कानून हैं, जिनकी आड़ लेकर धोखाधड़ी करने वाले देश छोड़कर भाग गए। लेकिन, हमने एक सख्त बिल पास किया है, अब कोई भाग नहीं पाएगा। जो भागे हैं, वह सभी कांग्रेस सरकार के समय से ही गोरखधंधों में लगे थे। भाजपा का दिल्ली अध्यक्ष होने के नेता मैं यह जरूर कहूंगा कि जो भागे हैं वह थोड़ी देर भाग तो सकते हैं लेकिन, भारत के कानून से बच नहीं सकते।

जनहित के लिए कठोर बनना होगा तो बनूंगा
मनोज तिवारी कौन हैं, वह जो बेहद शांत, मृदुभाषी और नरम स्वभाव वाले या फिर गुस्सैल और बात-बात पर भड़क जाने वाले?
असली मनोज तिवारी तो मृदुभाषी ही हैं, लेकिन कई बार परिस्थिति इतनी जटिल बन जाती है कि व्यक्ति को अपने स्वभाव के विपरीत जाना पड़ता है। यदि महिला अध्यापक के साथ हुई घटना के बारे में बात करें तो उसके बाद मुझे बहुत ज्यादा पछतावा हुआ था। मैंने मन ही मन सवाल भी किया कि आखिर मनोज तिवारी किसी महिला पर कैसे गुस्सा हो सकता है। न्यूज चैनल के शो के दौरान बीच में उठने की घटना को मैं गुस्सा नहीं मानता।  अपने विरोध को शांतिपूर्ण तरीके से रखने के लिए मैं शो के बीच से उठकर गया था। एक बात और अगर जनता के हित के लिए मुझे कठोर बनना होगा तो बनूंगा। पानी के लिए हिंसा हो रही है, प्रदूषण से लोग बीमार हो रहे हैं तो मैं यह सब देख नहीं पाता। 

राममंदिर: अगले 3-4 महीने निर्णायक होंगे
राम मंदिर कब तक बनेगा, संघ दबाव बना रहा है। कांग्रेस कहती है, भाजपा कहती है लेकिन बनाती नहीं है?
एक बात तो है कि भाजपा मंदिर बनाने के लिए लड़ रही है और कांग्रेस मंदिर नहीं बने इसके लिए लड़ रही है। 67 वर्ष के बाद भारत के लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है। भगवान राम को अब टेंट में नहीं रहना चाहिए। भगवान श्रीराम का मंदिर अब बनना चाहिए। सरकार के रहने नहीं रहने से मंदिर मुद्दे पर प्रभाव नहीं पड़ता। जब हम सरकार में नहीं थे, तब से लड़ रहे हैं मंदिर बनाने के लिए। जहां तक मैं समझ रहा हूं। आने वाले 3-4 महीने निर्णायक होंगे। लेकिन, एक बात और सच है कि इन दिनों जय श्रीराम बोलने का गजब जोश और उत्साह है। कोर्ट में भी तो न्यायमूर्ति इंसान हैं, जब संविधान लोगों के लिए है तो जनता के एक साथ खड़े होने पर निर्णय आएगा ही। जब पानी भरेगा और दरवाज बंद रहेगा तो खिड़की तो टूटेगी और पानी भीतर घुसेगा।


 

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